मुख्यमंत्री श्री साय ने पीकू द वाटर गार्जियन मॉडल का किया लोकार्पण : मुख्यमंत्री द्वारा व्यर्थ बहते पानी के नल को बंद करते ही बड़ी स्क्रीन में दिखी उनकी लाइव तस्वीर

मुख्यमंत्री श्री साय ने पीकू द वाटर गार्जियन मॉडल का किया लोकार्पण : मुख्यमंत्री द्वारा व्यर्थ बहते पानी के नल को बंद करते ही बड़ी स्क्रीन में दिखी उनकी लाइव तस्वीर

October 5, 2024 Off By Samdarshi News

जल संरक्षण का यह मॉडल पूर्णता मेटल स्क्रैप वस्तुओं से निर्मित

जल संरक्षण की दिशा में लोगों को जागरूक करने की नवाचारी मॉडल

जल बर्बादी की समस्या को रोकने के लिए जिम्मेदार नागरिकों को प्रोत्साहित करने वाला मॉडल

समदर्शी न्यूज़ रायपुर, 5 अक्टूबर / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज धमतरी में  जल-जगार महोत्सव में जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रकार के नवाचारी मॉडल पीकू द वाटर गार्जियन संरचना का लोकार्पण किया। उन्होंने पीकू मॉडल के नल से व्यर्थ बह रहे पानी के नल को बंद कर लोगों को पानी बचाव का संदेश दिया। नल को बंद करते ही नल के ऊपर लगे कैमरे ने मुख्यमंत्री सहित उनके साथ में मौजूद अन्य जनप्रतिनिधियों की फोटो बड़े एलईडी डिस्प्ले में दिखाई। इससे यह संदेश दिया गया कि पानी के बचाव करने वाले की लाइव फोटो प्रदर्शित कर उनको जल वीर के रूप प्रोत्साहित किया जा रहा है।

दरअसल पीकू मॉडल पूरी तरफ अनुपयोगी धातु तत्वों या स्क्रैप मैटेरियल से निर्मित है। यह मॉडल लोगों को जल के बचाव और जल संरक्षण करने वालो को प्रोसाहित करने की अनूठी पहल है। इसमें स्क्रैप मैटेरियल से मयूर के छोटे बच्चे की आकृति बनाई गई है।  आकृति के मुख से पानी बाहर निकल रहा है, जो कि व्यर्थ पानी के बहाव को दर्शाता है। आकृति में 2 कैमरे लगे हुए है, जो पानी के व्यर्थ बहाव को रोकने के लिए नल को बंद करने वाले की लाइव फोटो बाजू में लगे बड़े एलईडी स्क्रीन में दिखाता है। फोटो दिखने से पानी के व्यर्थ बहाव को रोकने वाले को प्रोत्साहित करता है। साथ ही दूसरो को भी जल बचाव के लिए प्रेरित करता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पीकू द वॉटर गार्जियन नामक मॉडल के नल को बंद करके व्यर्थ बहाव को बंद किया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री श्री साय की फोटो बगल में लगे एलईडी स्क्रीन में दिखी। मुख्यमंत्री श्री साय ने पीकू मॉडल का लोकार्पण करते हुए जल संरक्षण को प्रेरित करने वाली इस विशेष मॉडल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस पीकू मॉडल से लोगों में जल के बारे में जागरूकता फैलेगी। साथ ही लोग जल बचाव के लिए प्रेरित होंगे।