जशपुर, 24 अक्टूबर 2024/ रहीम ने अपने दोहों में जल की महत्ता बताते हुए कहा है कि ‘बिन पानी सब सून’। ये जल ही है जिसके बिना धरती पर जीवन का होना कठिन है, पर ये कठिनाइयां कुछ लोगों के जीवन में हकीकत बन जाती और कुछ के लिए मजबूरी का दूसरा नाम। ऐसी ही कहानी इचकेला ग्राम पंचायत के ग्राम घोड़ाटोली के 150 से अधिक ग्रामीणों के लिए हर दिन की बात हुआ करती थी, जहां घर से कुएं तक की लंबी दूरी तय कर सिर पर भारी भरकम पानी की मटकी ढोकर ग्रामीणों को कड़ी मेहनत और मसक्कत के बाद पेयजल प्राप्त हो पाता था। वर्षा के दिनों में पानी के दूषित हो जाने से के बाद दूषित पेयजल पीना पड़ता था। जिससे डायरिया, पीलिया जैसी कई गम्भीर बीमारियों के दंश से ग्रामीण अक्सर जूझा करते थे।
ऐसे में जब जल जीवन मिशन गांव में पहुंचा तो हर घर में नल पहुंचाने की बात शुरू हुई। लोगों को भरोसा ही नहीं हुआ कि पानी उनके घरों तक पहुंचेगा जिसके लिए उन्हें कुएं तक जाना पड़ता है वो अब उनके घर खुद ब खुद आ जाया करेगा। धीरे धीरे छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के द्वारा ग्राम में टंकी स्थापना का कार्य प्रारम्भ किया गया। 14 लाख रुपये से अधिक की लागत से जल स्त्रोत की पहचान कर सोलर ड्यूल पंप की स्थापना गांव में की गयी। इसके साथ ही पीएचई द्वारा हर घर तक नलों के लैंप पोस्ट लगा कर क्रेडा द्वारा सोलर पंप के माध्यम से पानी मिलना प्रारम्भ हो गया। ग्रामीणों की खुशी का ठीकाना ना रहा सभी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते हुए इसका लाभ लेना प्रारम्भ किया।
शांति बाई के मेहनत एवं समय की हो रही बचत
इस संबंध में शांति बाई ने बताया कि पहले सुबह से घर की जरूरतों के लिए पानी लेने कुएं में जाना पड़ता था। कुएं में पानी निकालने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती थी साथ ही बहुत समय भी लग जाया करता था। जिससे खाना बनाने और अन्य कार्यों में बहुत समय लगता था। अब सुबह से शाम तक घर के आंगन में ही पानी मिल जाया करता है। जिससे समय पर खाना बनने के साथ अन्य कार्यों के लिए भी समय मिल जाया करता है।
सूर्योदय के साथ ही मिल जाता है पानी- श्रवण
घोड़ाटोली के श्रवण संतोष कुजूर ने बताया कि मुझे हमेशा जल्दी उठकर हमेशा जल की तलाश एवं निस्तार के लिए बाहर जाना पड़ता था। पर अब सुबह सूर्योदय के साथ ही घर में पानी आ जाता है। जिससे पीने के लिए पेयजल, निस्तार एवं अन्य जरूरतों के लिए पानी घर पर ही मिल जाता है जिससे जीवन आसान लगने लगा है।
सरोजनी को सिर पर ढोकर पानी लाने से मिली मुक्ति
सरोजनी टोप्पो ने बताया कि कुएं से सिर पर ढोकर लंबी दूरी से पानी लाना पड़ता था। जिससे रोज थकावट हो जाती थी और साफ सफाई के लिए पर्याप्त जल भी नहीं हो पाता था। जल जीवन मिशन से पानी घर तक आने से ना होती है थकावट, ना ही होती है बाहर जाने की झंझट। घर पर पर्याप्त पीने के पानी से लेकर साफ सफाई और अन्य सभी गतिविधियों के लिए पानी मिल जाता है। जिससे अब नहाने और कपड़ा धोने के लिए भी बाहर नहीं जाना पड़ता और घर पर जल्दी जल्दी सभी काम निपट जाते हैं। इसके लिए हम प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और शासन को धन्यवाद देते हैं।