कूटरचित दस्तावेज एवं फर्जी विक्रेता के जरिये अपनी बहन के खाते की भूमि को विक्रय करने के मामले में सरगुजा पुलिस की कड़ी कार्यवाही : थाना लखनपुर द्वारा मामले में आरोपी भाई सहित फर्जी विक्रेता को किया गया गिरफ्तार.

कूटरचित दस्तावेज एवं फर्जी विक्रेता के जरिये अपनी बहन के खाते की भूमि को विक्रय करने के मामले में सरगुजा पुलिस की कड़ी कार्यवाही : थाना लखनपुर द्वारा मामले में आरोपी भाई सहित फर्जी विक्रेता को किया गया गिरफ्तार.

November 4, 2024 Off By Samdarshi News

अंबिकापुर, 4 नवंबर / प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मामले का विवरण इस प्रकार हैं कि प्रार्थिया प्रेमा बाई पति जय सिंह उम्र 47 वर्ष साकिन जजगी लखनपुर द्वारा दिनांक 04 अगस्त 2024 को थाना लखनपुर आकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि प्रार्थिया के माता-पिता की मृत्यु पश्चात पिता के नाम की भूमि प्रार्थिया के भाई छतर राम एवं प्रार्थिया के नाम पर सम्मिलित रूप से नामंतरण हुआ था। जो प्रार्थिया के भाई छतर राम द्वारा प्रार्थिया से धोखा-धड़ी करने के आशय से एक अन्य रिश्ते की दीदी जिसका नाम भी प्रेमाबाई हैं। उसे अपनी बहन के रूप में रजिस्ट्रार ऑफिस में खड़ा कर आरोपियों द्वारा साँठ-गाँठ कर प्रार्थिया एवं आरोपी के संयुक्त भूमि को 05 अप्रैल 2023 को अन्य क्रेता को फर्जी रजिस्ट्री कर निष्पादन करा दिया गया हैं। मामले की जानकारी प्राप्त होने पर प्रार्थिया द्वारा थाना आकर मामले की लिखित शिकायत की गई है, जिस पर थाना लखनपुर में अपराध क्रमांक 188/24 धारा 420,467, 468, 471, 201, 34 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

विवेचना के दौरान पुलिस टीम द्वारा मामले के आरोपियों का पता तलाश कर घेराबंदी कर पकड़ कर पूछताछ की गई, जिसमें आरोपी द्वारा अपना नाम (01) छतर राम आत्मज स्व. मण्डल राम उम्र 52 वर्ष साकिन जजगी लखनपुर, (02) श्रीमती प्रेमा बाई पति आनंद राम उम्र 50 वर्ष साकिन बंधा लखनपुर का होना बताया गया। आरोपी छतर राम से घटना के सम्बन्ध में पूछताछ किये जाने पर बताया कि आरोपी कई लोगों से उधार लिया था, आरोपी उधार का पैसा पटा नहीं पा रहा था, जो आरोपी छतर राम अपनी बहन प्रेमा बाई को संयुक्त जमीन को बेचने की बात बोला लेकिन आरोपी की बहन अपनी संयुक्त खाते की भूमि को बेचने के लिए तैयार नहीं हुई। इसी बीच आरोपी अपने रिश्ते की दीदी जिसका नाम भी प्रेमा बाई था, उसे रजिस्ट्रार ऑफिस में उसकी अपनी बहन की जगह खड़ा होने के लिए राजी कर लिया और उक्त कार्य के लिए 5000/- नगद देने के लिए बोला, तब आरोपी छतर राम प्रेमा बाई को उसकी बहन की जगह रजिस्ट्रार ऑफिस में खड़ी करवा कर कूटरचित दस्तावेज के जरिये संयुक्त खाते की भूमि को अन्य क्रेता को कुल 22 डिसमिल के तीन प्लाट 60,000/- रुपये में विक्रय कर देना स्वीकार किया गया। आरोपी छतर राम द्वारा महिला आरोपी फर्जी विक्रेता प्रेमा बाई को 5000/- रुपये दिए गये थे, जिसे आरोपिया द्वारा खर्च हो जाना बताया गया हैं। शेष रकम 55,000/- रुपये के बारे में आरोपी से पूछताछ किये जाने पर खर्च हो जाना बताया गया हैं।  मामले में आरोपियों द्वारा सदर धारा का अपराध घटित करना पाये जाने पर गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है।