हार-जीत का दांव लगाकर जुआ खेल रहे जुआरियों के विरुद्ध बिलासपुर पुलिस का प्रहार : जुआ खेल रहे चार जुआरियों के कब्जे से कुल 3400/- रुपए जप्त…जुआ प्रतिषेध अधिनियम की हुई कार्यवाही.
December 15, 2024हार-जीत का दांव लगाकर जुआ खेलने वाले जुआरियों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही जारी.
बिलासपुर : प्रकरण के संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हार-जीत का दांव लगाकर जुआ/सट्टा खेल रहे जुआरियों के विरुद्ध बिलासपुर पुलिस द्वारा लगातार कार्यवाही की जा रही है, इसी तारतम्य में पुलिस अधीक्षक जिला बिलासपुर श्री रजनेश सिंह के निर्देश पर बिलासपुर के शहरी तथा सभी ग्रामीण थानो में लगातार जुआ/सट्टा/चाकूबाजी करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है।
इसी परिप्रेक्ष्य में दिनांक 15 दिसंबर 2024 के शाम थाना प्रभारी कोनी नवीन कुमार देवांगन को सूचना मिली थी कि बांबे आवासपारा देवनगर कोनी खेत के पास कुछ जुआरी रूपए पैसे का हार-जीत का दांव लगाकर जुआ खेल रहे हैं। सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक बिलासपुर श्री रजनेश सिंह द्वारा जुआ-सट्टा पर कार्यवाही करने के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) श्री राजेन्द्र जायसवाल, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली श्री अक्षय प्रमोद के मार्गदर्शन में थाना सिटी कोतवाली पुलिस की टीम द्वारा मुखबीर सूचना के आधार पर तत्काल कोनी पुलिस टीम द्वारा मुखबिर के बताये स्थान पर चारों तरफ से घेराबंदी कर मौके पर रेड कार्यवाही किया गया।
जहां मौके पर जुआ खेलते चार आरोपीगण – 01. धनेश्वर दास मानिकपुरी पिता सुंदर दास मानिकपुरी उम्र 37 साल साकिन बंगालीपारा सरकंडा, 02. निखिल राव उर्फ निक्कू राव पिता नरेंद्र राव उम्र 22 साल साकिन देव नगर कोनी 03. प्रियांशु यादव उर्फ लक्की यादव पिता मदन लाल यादव उम्र 25 साल साकिन देव नगर कोनी 04. अमन केंवट उर्फ बांदा पिता अशोक केवट उम्र 19 साल साकी देवनगर कोनी थाना कोनी जिला बिलासपुर (छ.ग) के कब्जे से मौके पर फड़ से कुल 3400/- रुपए एवं ताश के 52 पत्ते, बैठने का तालपतरी, प्रकाश के लिए मोमबत्ती, मिलने पर वजह सबूत जप्त कर कब्जा पुलिस किया गया। चार जुआरियों के विरुद्ध वजह सबूत के आधार पर अपराध पंजीबद्ध कर गिरफ्तार कर विधिवत् कार्यवाही किया गया। इस प्रकरण की कार्यवाही में थाना प्रभारी नवीन कुमार देवांगन के मार्गदर्शन में सहायक उपनिरीक्षक सुरेंद्र तिवारी, प्रधान आरक्षक अशफाक खान, आरक्षक थामेंद्र रातरे, आरक्षक दीपक मरावी, आरक्षक उदय पाटले, आरक्षक राकेश खांडे का विशेष योगदान रहा है।