
बिलासपुर पुलिस का ‘प्रहार’ : साइबर ठगों के फर्जी बैंक खातों का खुलासा, 19 आरोपी गिरफ्तार, 97 लाख रुपये फ्रीज !
February 26, 2025“म्यूल अकाउंट होल्डर’’ के विरूद्ध बिलासपुर रेंज साइबर थाना में दर्ज किया गया है मामला.
डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर के निर्देशन एवं श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के मार्गदर्शन में ’’म्यूल अकाउंट’’ के विरूद्ध की गई प्रभावी कार्यवाही.
रेंज सायबर थाना बिलासपुर एवं ए.सी.सी.यू. टीम बिलासपुर द्वारा ’’म्यूल अकाउंट’’ को चिन्हांकित किया गया है जांच पर उक्त बैंक अकाउंट में करीब 3 करोड रूपये का अवैध ट्रांजेक्शन होना पाया गया है.
01 पी.ओ.एस. एजेंट (फर्जी सिम कार्ड बेचने वाला) एवं कोटक महिन्द्रा बैंक व एक्सिस बैंक कर्मचारी सहित कुल 19 आरोपी किये गये गिरफ्तार, म्यूल अकाउंट में फ्रॉड के करीब 97 लाख रूपये का किया गया है फ्रीज.
दिल्ली, अलवर राजस्थान व अन्य स्थानों करीब 300 से अधिक की संख्या में पर सायबर ठगों को उपलबद्ध कराये गये है म्यूल बैंक अकाउंट व फर्जी सिम कार्ड.
बिलासपुर पुलिस द्वारा अलग-अलग 10 से अधिक टीमें बनाकर संदिग्धों को तकनीकी साक्ष्य के आधार पर चिन्हांकित कर एक साथ करीब 20 से अधिक स्थानों पर रेड कर की गई प्रभावी कार्यवाही, बिलासपुर पुलिस की कार्यवाही लगातार जारी रहेगी.
रेंज सायबर थाना बिलासपुर का अपराध क्रमांक – 08/2025
बिलासपुर. 26 फरवरी 2025 : पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर डॉ. संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) के निर्देशन एवं श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) पुलिस अधीक्षक बिलासपुर के मार्गदर्शन में ’’म्यूल अकाउंट’’ के विरूद्ध साइबर क्राईम पोर्टल में रिपोर्टेड म्यूल बैंक अकाउंट की जांच करने हेतु योजना तैयार कर रेंज साइबर थाना बिलासपुर को निर्देशित किया गया था। प्रारम्भिक जांच पर नेशनल साइबर क्राईम पोर्टल में संदिग्ध्य पाये गय बैंक खातो को चिन्हांकित किया गया है ’’म्यूल बैंक’’ अकाउंट की जांच की गई। जांच कार्यवाही में पीड़ितों की पहचान कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी एकत्र किया गया। साइबर क्राईम पोर्टल की रिपोर्ट, बैंक खाता में हुए ट्रांजेक्शन, एक ही व्यक्ति के अधिक बैंक अकाउंट एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाने तथा अकाउंट का डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी ऐप, क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाईसी अपडेट एवं गूगल सर्च जैसे साइबर अपराध में उपयोग करने वाले लोगों को चिन्हांकित किया गया। रेंज सायबर थाना बिलासपुर एवं एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा बिलासपुर के विभिन्न थानों के लगभग 100 से अधिक पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों की अलग-अलग 20 से अधिक टीमें बनाकर आरोपियों की पतासाजी करते हुये 01 पी.ओ.एस. एजेंट (फर्जी सिम कार्ड बेचने वाला) एवं कोटक महिन्द्रा बैंक व एक्सिस बैंक कर्मचारी सहित म्यूल बैंक अकाउंट दूसरे के नाम से होना पाये जाने पर पूछताछ व तकनीकी साक्ष्य से आरोपियों से कनेक्ट होने पर कुल 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खातों में फ्रॉड के करीब 97 लाख रूपये होल्ड कराया गया है, जो विभिन्न राज्यों के पीड़ितों के है, जिनसे संपर्क कर उनका रकम वापस कराया जाएगा।

उपरोक्त प्रकरण की कार्यवाही में श्री राजेन्द्र जायसवाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर बिलासपुर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण श्री अनुज कुमार, उप पुलिस अधीक्षक श्री निमितेश सिंह, सी.एस.पी. सिविल लाईन उप पुलिस अधीक्षक श्री अक्षय प्रमोद सबाद्रा (भा.पु.से.), सी.एस.पी. कोतवाली के मार्गदर्शन में निरीक्षक विजय चौधरी प्रभारी रेंज सायबर थाना बिलासपुर निरीक्षक राजेश मिश्रा प्रभारी ए.सी.सी.यू. बिलासपुर, उप निरीक्षक अजय वारे, अजहररूददीन, सहायक उपनिरीक्षक सुरेश पाठक, प्रधान आरक्षक – सैय्यद साजिद, विक्कू ठाकुर, लक्ष्मीकांत जायसवाल, दिगविजय वैषणव, देवमुन पुहुप, आतिश पारिक, राहुल सिंह, आरक्षक – विजेंद्र मरकाम, श्रीष तिवारी, अविनाश कश्यप, निखील रॉव, तदबीर पोर्ते, दीपक उपाध्याय, अभिजीत डाहिरे व अन्य का विशेष योगदान रहा, पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज बिलासपुर एवं पुलिस अधीक्षक बिलासपुर द्वारा टीम के उत्साहवर्धन हेतु उचित ईनाम की घोषणा की गई है।

नाम गिरफ्तार आरोपी –
01. सत्यनारायण पटेल पिता स्व. मंगलू पटेल उम्र 48 साल निवासी ग्राम सेंदरी आवासपारा, थाना कोनी, जिला बिलासपुर (छ.ग.)
02. राकेश भेड़पाल पिता रामनाथ भेड़पाल उम्र 26 साल निवासी ग्राम सेंदरी भेड़पाल मोहल्ला, थाना कोनी, जिला बिलासपुर (छ.ग.)
03. दुर्गेश केंवट पिता सीताराम केंवट उम्र 27 वर्ष निवासी वार्ड नं. 18 आवासपारा सेंदरी थाना कोनी बिलासपुर (छ.ग.)
04. शिवशंकर यादव पिता लक्ष्मण यादव उम्र 19 साल निवासी तारबाहर डीपुपारा गगन अपार्टमेंट के पास, थाना तारबाहर जिला बिलासपुर (छ.ग.)
05. राजकुमार पाल पिता शिवनाथ पाल उम्र 44 साल निवासी ग्राम सेंदरी, थाना कोनी, जिला बिलासपुर (छ.ग.)
06. नंदकुमार केंवट पिता समारू केंवट उम्र 27 साल निवासी ग्राम इटवा पाली, थाना मस्तुरी, जिला बिलासपुर (छ.ग.)
07. दीपेश कुमार निर्मलकर पिता राजा राम निर्मलकर उम्र 24 साल निवासी तारबाहर नगीना मस्जिद के पास, थाना तारबाहर, जिला बिलासपुर (छ.ग.)
08. सुरेश सिंह पिता रतन सिंह उम्र 58 साल निवासी सेंदरी वार्ड नं. 01 हाई स्कुल के पास थाना कोनी, जिला बिलासपुर (छ.ग.)
09. शेखर चतुर्थी पिता रामचरण चतुर्थी उम्र 23 वर्ष साकिन कोटा थाना कोटा हा.मु. शुभम विहार मंगला थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर (छ.ग.)
10. रोशन कुमार साहू पिता लखन लाल साहू उम्र 25 वर्ष साकिन लिमतरा थाना सक्ती जिला सक्ती हा.मु. अज्ञेय नगर थाना तारबाहर जिला बिलासपुर (छ.ग.)
11. कुनाल मंडावी पिता भुवन कुमार मंडावी उम्र 21 वर्ष साकिन वार्ड क 19 बलौदाबाजार थाना सिटीकोतवाली जिला बलौदाबजार (छ.ग.)
12. प्रथम सोनी पिता उदय सोनी उम्र 19 वर्ष साकिन वार्ड क पुरानी बस्ती .. करगीरोड कोटा थाना कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
13. दिपांशु साहू पिता देवी प्रसाद साहू उम्र 19 वर्ष साकिन वार्ड क 10 कोटा 11. श्राना कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
14. अमन तिवारी पिता श्री लक्ष्मीनरायण तिवारी उम्र 21 वर्ष साकिन वार्ड क 10 कोटा थाना कोटा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
15. रामलाल यादव पिता भूषण यादव उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम खैरा थाना मस्तूरी बिलासपुर (छ.ग.)
16. अमित पाल पिता हिमांचल पाल उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम खैरा जयरामनगर थाना मस्तूरी बिलासपुर (छ.ग.)
17. अब्दुल रशिंद पिता अब्दुल मजीद उम्र 40 वर्ष साकिन वार्ड क 26 तालापारा थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर (छ.ग.)
18. मुख्तार खान पिता रशिद खान उम्र 25 वर्ष साकिन तालापारा महामाया मंदिर के पास थाना सिविल लाईन जिला बिलासपुर (छ.ग.)
19. गुज्जला जगदीश कुमार पिता जी. कामेश्वर राव उम्र 30 वर्ष साकिन हेमूनगर कल्यूरी स्कूल के बगल में थाना तोरखा जिला बिलासपुर (छ.ग.)
बिलासपुर पुलिस की अपील –
क्या होता है ’’मनी म्यूल’’ –
’’मनी म्यूल’’ उस व्यक्ति को कहते है जिसके बैंक अकाउंट, डिजिटल वॉलेट या अन्य वित्तीय माध्यमों का उपयोग साइबर अपराधी ठगी की रकम या अवैध धन को को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने में करते हैं।
’’मनी म्यूल’ के काम करने का तरीका –
साइबर अपराधी गैरकानूनी तरीकों से पैसे प्राप्त करते हैं।
ठगी की रकम को ठिकाने लगाने के लिए उनको बैंक खाते या वॉलेट की जरूरत पड़ती है, इसके लिए ठग मनी म्यूल बनाते है, किसी व्यक्ति को पैसा नौकरी, इनाम या निवेश का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं।
मनी म्यूल अवैध धन को अपने खाते से किसी और खाते में भेजता है, जिससे अपराधियों की पहचान छिपी रहे।
आसान और जल्दी पैसा कमाने का लालच व साइबर अपराधियों के प्लान को नहीं समझ पाने के कारण लोग मनी म्यूल बन जाते हैं।
कानूनी कार्यवाही –
अगर आप मनी म्यूल हो बेनिफिशियरी खाते के रूप में आप पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लग सकते हैं।
बैंक खाते और संपत्तियों को जप्त किया जा सकता है।
जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है, भले ही वह व्यक्ति अनजाने में शामिल हुआ हो।
धारा 3(5) बी.एन.एस. के तहत मनी म्युल भी उस अपराध के लिए उतना ही जिम्मेदार होगा, जितना की मुख्य अपराधी।
’’बचने के उपाय’’
अनजान स्रोतों से धन प्राप्त करने से बचें।
अपने बैंक खाते और वित्तीय जानकारी को सुरक्षित रखें।
यदि आपके खाते में कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत संबंधित बैंक या पुलिस को सूचित करें।
“मनी म्यूल’’ बनना एक गंभीर अपराध है’, अगर आप अपने खाते को सर्विस चार्ज के बदले बेचते हो, उपयोग करने देते हो, आप इसे जानबूझकर करें या अनजाने में, कभी-कभी साइबर ठगी के मामले में ठग आपको लाभ पहुंचाने के लिए ठगी की रकम किसी अन्य खाते से छल पूर्वक आपके खाते में ट्रांसफर कर देते है, आपको लगता है की आपने किसी स्कीम के तहत इनाम या निवेश में मुनाफा या अन्य वजह से आपके खाते में पैसा आया है लेकिन रकम विवादित हो सकता है जिससे आपका खाता फ्रीज भी हो सकता है।