राजिम मेले का भाजपाईकरण, आस्था और धार्मिक मान्यताओं के विपरीत केवल राजनैतिक इवेंट : छत्तीसगढ़िया संस्कृति को अपमानित करने का कोई अवसर नहीं चूक रही है सरकार – सुरेंद्र वर्मा

राजिम मेले का भाजपाईकरण, आस्था और धार्मिक मान्यताओं के विपरीत केवल राजनैतिक इवेंट : छत्तीसगढ़िया संस्कृति को अपमानित करने का कोई अवसर नहीं चूक रही है सरकार – सुरेंद्र वर्मा

February 26, 2025 Off By Samdarshi News
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रायपुर 26 फरवरी 2025 : प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि राजिम मेला इस बार छत्तीसगढ़िया धार्मिक सांस्कृतिक आयोजन न होकर केवल मोदी, साय इवेंट बनकर रह गया। राजिम पुन्नी मेला आदिकाल से छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है, आम छत्तीसगढ़िया के आस्था और धार्मिक मान्यताओं का केंद्र रहा है, जिसका साय सरकार ने पूर्णतः भाजपाईकरण कर दिया। संस्कृति विभाग मुख्यमंत्री के पास है और उन्हीं के नेतृत्व में राजिम कुंभ कल्प का आयोजन हुआ जिसमें छत्तीसगढ़िया परंपरा, संस्कृति के प्रति भाजपा सरकार की हिकारत स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ है। राजिम पुन्नी मेला गैर राजनीतिक धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजन हुआ करता था, पहले आयोजन के विज्ञापन में सबका नाम जाता था, चाहे फिर किसी भी दल के विधायक, सांसद हो, स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि हों, इस बार मोदी और साय के अलावा सभी स्थानीय जनप्रतिनिधि उपेक्षित रहे। इस बार के आयोजन में अफसरशाही भी हावी रही। आयोजन स्थल में कई जगह अव्यावहारिक गैर ज़रूरी बेरीकेट्स लगाए गए, जिससे जनता को कोसों पर पैदल चलना पड़ा। बाहरी कलाकारों को ज्यादा प्राथमिकता दिया गया, लगभग पूरे का पूरा बजट उन्हीं पर खर्च किया गया, छत्तीसगढ़ीया कलाकार पूरी तरह से उपेक्षित रहे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा सरकार के संरक्षण में राजिम मेले में बिचौलिए और कमीशनखोरों को लूट की खुली छूट दी गई। 50 – 50 रुपए पार्किंग का आम जनता से वसूला गया, कितनी राशि आयोजन में खर्च हुई इसका कोई ब्यौरा नहीं है, सारा काम सत्ता के चहेते एक इवेंट कंपनी को दिया गया। संस्कृति विभाग के कमिश्नर की मनमानी से आयोजक भी परेशान रहे, पूरे मेले के दौरान ऑडिटोरियम को बंद कर रखा गया। संस्कृति कर्मी परेशान होते रहे, आडिटोरियम की उपलब्धता से 1500 में कार्यक्रम हो जाता था जिसके लिए अन्य विकल्प पर कई गुना अधिक खर्च करना पड़ा। स्थानीय जनता के आस्था और धार्मिक भावनाओं के खिलाफ राजिम कुंभ कल्प के नाम पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पूरे आयोजन का केवल भाजपाईकरण किया।