प्रदेश सरकार की निविदा प्रणाली अब भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा ज़रिया बन चुकी : भाजपा

प्रदेश सरकार की निविदा प्रणाली अब भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा ज़रिया बन चुकी : भाजपा

February 11, 2022 Off By Samdarshi News

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने पौनी-पसारी योजना में चबूतरा व शेड निर्माण के टेंडर में सामने आई अनियमितता को लेकर प्रदेश सरकार और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि भ्रष्टाचार-मुक्त छत्तीसगढ़ के ढोल पीट रही प्रदेश सरकार की निविदा प्रणाली अब भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा ज़रिया बन चुकी है। बार-बार प्रदेश सरकार पर कांग्रेस का एटीएम बन जाने का लग रहा आरोप अब सच साबित हो रहा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि हर ज़गह पैसों का लेन-देन अवैध तरीक़ों से हो रहा है। प्रदेश सरकार की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से प्रदेश की जनता को काफ़ी नुक़सान हो रहा है, जिसकी भरपाई किसी भी सूरत में मुमक़िन नहीं है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने राजधानी के भाठागाँव में पौनी-पसारी योजना के तहत चबूतरा व शेड निर्माण के टेंडर में बिना दस्तावेज़ जाँचे ही सीधे प्राइम बिड खोले जाने और फिर एकाएक टेंडर निरस्त करने तथा री-टेंडर में एल-1 को दरक़िनार करने के सामने आए मामले में प्रदेश सरकार और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उक्त कार्य के लिए एक एजेंसी ने 15 लाख रुपए में टेंडर भरा था। इस काम के लिए पहले जारी किए गए टेंडर में 25 लाख रुपए क़ीमत आँकी गई थी और इसी हिसाब से टेंडर भी किया गया। पहली निविदा की प्राइम बिड में एक एजेंसी ने 15 लाख रुपए की क़ीमत इसके लिए डाली थी। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कम क़ीमत डाालने के बावज़ूद उक्त एजेंसी को काम देने के बजाय टेंडर ही निरस्त कर दिया गया और री-टेंडर के बाद वही काम 20 लाख रुपए में कराया गया! ज़ाहिर है, अपनी चहेती कम्पनी को काम देने के लिए यह सारा प्रपंच रचा गया और क़ीमत कम कराने के बहाने निरस्त टेंडर के बाद नए टेंडर में भी क़ीमत 25 लाख रुपए ही आँकी गई। इस तरह जो काम कम क़ीमत में हो सकता था, भ्रष्टाचार करके वही काम अधिक क़ीमत में कराया गया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि निविदा-प्रक्रिया में क़ायदे-क़ानूनों को ताक पर रखकर सरकारी कामों के लिए मनमाने तरीक़े से टेंडर दिए जा रहे हैं और इनमें जो एल-1 हैं, उनको भी दरक़िनार कर दिया गया है। इससे स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की प्रदेश सरकार के शासनकाल में कोई नियम-क़ायदा बचा नहीं है। प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान केवल इस पर केंद्रित है कि येन-केन-प्रकारेण पैसा कैसे कमाया जाए और उससे कांग्रेस आलाकमान की तिजोरी भरकर अपनी कुर्सी सलामत रखी जाए।