कोरोना के चलते बंद रहे स्कूलों में विद्यार्थियों को वापस लाना चुनौतीपूर्ण कार्य -फेडरेशन

February 23, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

नीति आयोग के दिसंबर 21 के रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ का 29.91 % आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। कोरोना काल के चलते अनेक परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो गया है। स्कूली विद्यार्थी भी अपने परिवार के जीवन-यापन के लिए खेतों एवं अन्य काम पर जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, जशपुर जिला अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता, महामंत्री संजीव शर्मा एवं कोषाध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल में लंबे समय तक स्कूल बंद रहने के कारण आम विद्यार्थियों में   नियमित पढ़ाई करने की मानसिकता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। शिक्षा के उद्देश्य के दृष्टिगत विद्यार्थियों को मुख्य धारा पुनः जोड़कर उनमें पढ़ने की अभिरुचि जागृत करने विशेष कार्ययोजना तैयार कर राज्यव्यापी अभियान चलाने की आवश्यकता है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा गर्मियों की छुट्टियों में कटौती करने के निर्णय से स्कूल जरूर खुला रहेगा लेकिन विद्यार्थियों की उपस्थिति सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण कारक है। मोबाइल-डाटा-नेटवर्क के उपलब्धता के बीच शिक्षकों ने बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन कराई है। मार्च में बोर्ड परीक्षा एवं अप्रैल में स्थानीय परीक्षा होगा।परीक्षाएँ तो केवल विद्यार्थियों के पढ़ाई को परखने के लिए होता है।मार्कशीट में केवल अंक रहता है। लेकिन जीवन की असली परीक्षा प्रतियोगिता परीक्षाओं और कैरियर शुरू होने के बाद होती है।

फेडरेशन के कहना है कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां की लगभग 75 प्रतिशत आबादी का जीवन-यापन कृषि पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने कई अभिनव योजनाओं को शुरू किया है।छत्तीसगढ़ में खरीफ फसल जून-जुलाई में बोया जाता है एवं कटाई अक्टूबर से नवंबर में होता है।वहीं रबी फसल को अक्टूबर से नवंबर में बोया जाता है और कटाई का समय मार्च से अप्रैल में होता है। उनका कहना है कि स्कूलों में पहले 90 दिनों का अवकाश ग्रीष्मकालीन, दशहरा-दिवाली एवं शीतकालीन अवकाश के रूप में विद्यार्थियों को मिलता था। जोकि कृषि क्षेत्र के दृष्टिगत था। ग्रामीण क्षेत्र में विद्यार्थी पढ़ाई के साथ-साथ,अपने परिवार के उन्नति के लिए खेती-किसानी के कार्यों में अधिक भागीदारी रहते थे। राज्य के विकास के लिए कृषि का विकास होना जरूरी है। फेडरेशन के कहना है कि अवकाश में कटौती कर क्रमशः 61 दिन तथा 46 दिन किया गया था। अब स्कूल शिक्षा विभाग ने गर्मियों की छुट्टियों को 15 मई से 15 जून तक किया है। अब एक महीने का ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद 16 जून से फिर स्कूल खुल जायेगा। विभाग के निर्णयानुसार परीक्षा के बाद भी 15 दिन तक विद्यार्थियों की पढ़ाई जारी रहेगा। जोकि अव्यवहारिक है।

फेडरेशन का कहना है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (अवकाश) नियम 1977, नियम 25 के अंतर्गत अवकाश विभागों के शासकीय सेवकों को छोड़कर अन्य विभागों के शासकीय सेवकों को प्रत्येक वर्ष 30 दिवस का अर्जित अवकाश की पात्रता है। छत्तीसगढ़ मूलभूत नियम के अनुसार शिक्षकों को अवकाश विभाग का कर्मचारी माना गया है। फेडरेशन ने विश्रामावकाश के कुल 90 दिवस में कटौती किये गये अवकाश के एवज में अनुपातिक अर्जित अवकाश शिक्षकों को स्वीकृति आदेश जारी करने का माँग राज्य शासन से किया है।