भाजपाई बताएं कि रमन राज के 15 साल के कुशासन में कितने स्थानीय एससी, एसटी, ओबीसी को कुलपति बनाएं? – सुरेन्द्र वर्मा
February 25, 2022छत्तीसगढ़ की बहुसंख्यक आबादी ओबीसी और एससी एसटी वर्ग की महिलाओ को भाजपा ने कभी राज्यसभा के लायक नहीं समझा।
केटीएस तुलसी विधि और संविधान विशेषज्ञ हैं, राष्ट्र की धरोहर हैं। बोली लगाकर पद बेचने वाले भाजपाईयों को विरोध का नैतिक अधिकार नहीं है
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि दरअसल आउटसोर्सिंग भारतीय जनता पार्टी का चरित्र है, इसलिए अब इन्हें ठश्रच् अर्थात बाहरी जनता पार्टी कहा जाने लगा है। विगत 3 वर्षों में भूपेश बघेल सरकार ने सभी क्षेत्रों में आम जनता की सहभागिता सुनिश्चित किया गया है। स्थानी योग्य उम्मीदवारों को सभी क्षेत्रों में अवसर मिला है जिससे छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना हुई है। 15 साल रमन सिंह स्वयं बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया रहे, भूपेश बघेल ने तो स्थानीय आदिवासी नेताओं को बस्तर विकास प्राधिकरण की कमान सौंपी है। रमन सिंह ने पदमश्री डॉ. दाबके के स्थान पर अपने समधी जी को चिकित्सा विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया। अपने पुत्र के लिए डीकेएस अस्पताल को फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया। भूपेश बघेल सरकार में तो सभी स्थानीय नियुक्तियों में योग्यता अनुसार स्थानीय उम्मीदवारों को पूरा अवसर मिला है।
भाजपाई बताएं कि 15 साल में कितने स्थानी एससी, एसटी, ओबीसी को कुलपति के पद पर नियुक्त किया था। जहां तक बात राज्यसभा सदस्य की है तो उसमें भी वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के दो राज्यसभा सदस्य आधी आबादी अर्थात महिला वर्ग से है एक राज्यसभा सांसद छाया वर्मा प्रदेश के 53 प्रतिशत आबादी पिछड़ा वर्ग से और कांग्रेस से दूसरी राज्यसभा सांसद फूलों देवी नेताम प्रदेश की 32 प्रतिशत आबादी जनजाति वर्ग से है। आरोप लगाने वाले भाजपाई यह बताएं कि रमन सिंह के दौरान किसी ओबीसी या पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को राज्यसभा में भेजा गया हो? संवैधानिक व्यवस्था और संघीय ढांचे के तहत अलग-अलग पदों पर नियुक्ति के संदर्भ में अलग-अलग व्यवस्था और मापदंड तय है। राज्यसभा में 12 सदस्य कला, साहित्य, समाजसेवा, विधि जैसे क्षेत्र में ख्याति प्राप्त शख्सियत को मनोनीत किया जाता है केटीएस तुलसी ख्याति प्राप्त संविधान और विधि विशेषज्ञ हैं। उनकी योग्यता के आधार पर 2014 में विधि के क्षेत्र से विशेषज्ञ के रुप में राज्यसभा सांसद के रूप में नामित किया गया था। वर्ष 2020 में उनका पहला कार्यकाल पूर्ण होने के बाद गैर भाजपा शासित राज्य के खिलाफ षड्यंत्र करने वाली, संवैधानिक संस्थानों को कमजोर करने जो परिस्थितियां पैदा की गई उसे देखते हुए केटीएस तुलसी जैसे संविधान विशेषज्ञ का ज्ञान और अनुभव देश और प्रदेश के हित में आवश्यक है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा है कि राज्यसभा देश का उच्च सदन है कुलपति की नियुक्ति से उसकी तुलना करके भाजपा नेता अपने मानसिक दिवालियापन का ही परिचय दे रहे हैं। भाजपा बताएं कि छत्तीसगढ़ के 15 साल के अपने को शासन में कितने स्थानी छत्तीसगढ़िया को कुलपति बनाए है?