राज्य सरकार के द्वारा शराबबंदी के लिए किए जा रहे उपाय, नतीजा शराब पीने वाले पुरुषों की संख्या में 18% की कमी आई, रमन सरकार के दौरान 52% पुरुष शराब पीते थे अब घटकर संख्या 34% हुई – धनंजय सिंह ठाकुर

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के नोडल एजेंसी इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पापुलेशन साइंस मुंबई के  नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार के द्वारा शराबबंदी के लिए किये जा रहे प्रयासों का  सार्थक परिणाम सामने आया है राज्य शराबबंदी की दिशा में आगे बढ़ रही है।नेशनल हेल्थ सर्वे के मुताबिक 2020-21 में शराब पीने वालों की संख्या में 18%की कमी आयी है। पूर्व के रमन सरकार के दौरान 2016-17 में  52% से अधिक पुरुष शराब का सेवन करते थे।जो अब घटकर 34% हो गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार शराबबंदी के लिए तीन कमेटियों का गठन की है राजनीतिक सामाजिक और प्रशासनिक कमेटी ठोस एवं मजबूत सफल शराबबंदी के लिए हर स्तर पर सूक्ष्म अध्ययन कर रही है। 100 से अधिक शराब दुकानों को बंद किया गया है।सरकार के द्वारा शराबबंदी के लिए जन जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शराबबंदी के लिए गठित सामाजिक कमेटी  नोटबंदी की तरह शराबबंदी करने के पक्ष में नहीं है। नोटबंदी की तरह शराबबंदी करने से स्वास्थ्यगत परेशानी एवं जनहनि होने की आशंका जताई जा रही है।शराबबंदी के लिए जन जागरूकता अभियान नशा मुक्ति कार्यक्रम को पुरजोर से राज्य भर में चलाने का सुझाव दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि शराबबंदी करने एवं अन्य प्रकार के नशा से भी आम लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर भारत माता वाहिनी का गठन किया जा रहा है। जिला एवं जनपद स्तर पर धर्मार्थ संस्थाओं को शामिल कर काउंसिलिंग, योगाभ्यास,प्रोत्साहन संगोष्ठी,व्याख्यान, के माध्यम से लोगो को नशा से दूर करने कार्यक्रम चलाया जाएगा।हर जिले में 15बिस्तरों वाला नशा मुक्ति केंद्र शुरू किया जा रहा है।पुनर्वास केंद्र शरू किये जा रहे है।

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