लोढ़ाझर आंगनबाड़ी केन्द्र में रागी लड्डू वितरण कार्यक्रम का कलेक्टर के हाथों हुआ शुभारंभ
September 15, 2021जिले में रागी से सेहत की नींव होगी मजबूत, 5 विकासखण्डों में प्रारंभ हुआ कार्यक्रम
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो
रायगढ़, रागी के पोषक गुणों से जिले में बच्चों व गर्भवती महिलाओं की सेहत संवारने की शुरूआत आज जिले में कर दी गई। कलेक्टर भीम सिंह ने लोढ़ाझर आंगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को रागी लड्डू खिलाकर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रागी के पौष्टिक खुबियों का उपयोग अब जिले में चल रहे कुपोषण मुक्ति अभियान में करने की शुरूआत हो रही है। रागी को मेन्यू में शामिल करने से बच्चों के पोषण स्तर को बढ़़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही यहां इसकी खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बच्चे के दिमाग व शरीर के विकास के लिए सही पोषण मिलना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस दिशा में संवेदनशील पहल करते हुये मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत की है। बच्चों को जल्द कुपोषण से बाहर लाने गरम भोजन व अण्डा दिया जा रहा है। जिले में इसके लिए डीएमएफ से पूरे प्रदेश में सर्वाधिक 10 करोड़ रुपये खर्च किये गये। कुपोषण मुक्त पंचायत बनाने की दिशा में काम करते हुए जनप्रतिनिधियों को भी इस अभियान से जोड़ा गया। जिसके काफी सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले। पिछले एक साल में 10 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से बाहर आ चुके है। अब कैल्शियम से भरपूर रागी के लड्डू बच्चों को दिया जाएगा जिससे बच्चों को जल्द कुपोषण से बाहर निकालने में मदद मिलेगी।
इस अवसर पर कार्यक्रम में सम्मिलित हुए जिला पंचायत सदस्य अवधराम पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में रागी लड्डू वितरण कार्यक्रम की शुरूआत कलेक्टर भीम सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की एक संवेदनशील पहल है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं को भी रागी पोषण आहार के रूप में दिया जा रहा है। जिससे कुपोषण मुक्ति के लिए जिले में चल प्रयासों को बल मिलेगा।
कलेक्टर भीम सिंह की पहल पर इस विशेष कार्यक्रम की शुरूआत जिले में हुई है। जिसके अंतर्गत जिले में रागी का प्रोसेसिंग कर लड्डू तैयार किये जायेंगे। पोषक खूबियों से भरपूर ये लड्डू आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिये बच्चों व गर्भवती महिलाओं को दिए जाएंगे। इसके लिये रागी के उत्पादन से लेकर उसके प्रोसेसिंग व उत्पाद तैयार करने तक का सारा काम जिले में ही किया जायेगा। बच्चों को सेहत व बड़ो को रोजगार देने वाले इस विशेष कार्यक्रम की आज शुरूआत की गई। कलेक्टर भीम सिंह ने इसके लिए आकांक्षी जिलों में काम करने वाली राज्य स्तरीय टीम के माध्यम से पूरी कार्ययोजना तैयार करवायी है। जिले के 5 आदिवासी विकासखंड से इसकी शुरुआत हो रही रही है। महिला बाल विकास विभाग के साथ खाद्य, कृषि और एनआरएलएम को जिले में इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए शामिल किया गया है। रागी लड्डू वितरण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर जिला पंचायत सदस्य अवधराम पटेल, सरपंच लोढ़ाझर रामकुंवर राठिया, गौठान समिति अध्यक्ष किरीतमाल खगपति पटेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग टी.के.जाटवर, महिला बाल विकास विभाग से श्रीमती दीपा बघेल, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका सहित ग्रामवासी उपस्थित रहे।
1940 आंगनबाड़ी केन्द्रों में हफ्ते में दो दिन बटेंगें लड्डू
हड्डियों को मजबूती के लिये जरूरी कैल्शियम रागी में चावल से 30 गुना तथा दूध से तीन गुना अधिक पाया जाता है। यह बढ़ते बच्चों व महिलाओं के लिये अत्यंत आवश्यक पोषक तत्व है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में 6 माह से 3 वर्ष तक के कुपोषित बच्चे, 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के सभी बच्चे व गर्भवती महिलाओं को सप्ताह में दो दिन मंगलवार व शनिवार को सुबह के नाश्ते के रूप में एक-एक लड्डू दिया जायेगा। शुरूआत में इसे जिले के पांच आदिवासी विकासखण्डों लैलूंगा, धरमजयगढ़, घरघोड़ा, खरसिया एवं तमनार के 7 परियोजनाओं के 1940 आंगनबाड़ी केन्द्रों में लगभग बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिलाकर 35 हजार से अधिक लाभार्थियों को रागी के लड्डू प्रदान किए जायेंगे। आंगनबाड़ी केन्द्रों में रागी लड्डू बनाने रागी लड्डू मिक्स पाउडर तैयार कर उपलब्ध कराया जा रहा है। जिसके लिए जिला मुख्यालय में एक क्लीनिंग तथा प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित की गई है। वहां से यह आंगनबाडिय़ों में वितरित की जायेगी, जिसके लड्डू बनाकर बच्चों व महिलाओं को खिलाया जायेगा।