श्री राम वन गमन पथ काव्य यात्रा का कुनकुरी पहूंचने पर जय स्तम्भ चौक में होगा भव्य स्वागत, नगरवासी एवं सामाजिक संगठन करेंगें स्वागत

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर/कुनकुरी

देश की सबसे बड़ी साहित्यिक संस्था राष्ट्रीय कवि संगम के द्वारा प्रभु श्री राम के लिए श्री राम काव्य यात्रा श्रीलंका से लेकर के पावन अवध धाम तक की जा रही है। प्रभु श्री राम जी जिस मार्ग से श्रीलंका पहुंचे थे, उसी मार्ग से प्रमुख स्थानों पर कवि सम्मेलन की योजना पर  यात्रा आरंभ हो चुकी है। इस यात्रा का 27 मार्च रविवार को लगभग 3 बजे कुनकुरी पहूंचने पर जय स्तम्भ चौक में नगरवासियों एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा भव्य स्वागत हेतु तैयारी की जा रही है।

इसी कड़ी में राष्ट्रीय कवि संगम छत्तीसगढ़ प्रांत अपनी पूरी तैयारी कर रहा है। राष्ट्रीय कवि संगम छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांताध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि – छत्तीसगढ़ में यह काव्ययात्रा व प्रभु श्री राम का रथ 19 मार्च को राजनांदगांव पहुंचा था। 27 मार्च को जशपुर में डॉ अशोक बत्रा, शंभू मनहर, सुदीप भोला, गौरव चौहान, देवेंद्र परिहार, तेजराम नायक, प्रदीप कुमार दास और 29 मार्च को अंबिकापुर में डॉ अशोक बत्रा, योगेंद्र शर्मा ,शंभू मनहर ,गौरव चौहान , गायत्री शर्मा , उमाकांत टैगोर, गीता विश्वकर्मा की उपस्थिति में काव्यपाठ के साथ छत्तीसगढ़ की यात्रा संपन्न हो जाएगी।

यह काव्य यात्रा दूसरे प्रांत में प्रवेश हो जाएगी । मार्ग में पड़ने वाले प्रमुख शहर कस्बा व गाँव में प्रभु श्री राम के रथ की स्वागत के लिए लोगों में उत्सुकता देखने को मिल रही है। राष्ट्रीय कवि संगम छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल एवं राष्ट्रीय संरक्षक चतुर्भुज अग्रवाल यात्रा के साथ ही चल रहे हैं। प्रदेश में उनके मार्गदर्शन में संगठन बढ़-चढ़कर भूमिका निभा रहा है। इस गरिमामयी कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने हेतु सभी जिला के जिलाध्यक्ष, संयोजक व कार्यक्रम प्रभारी अपनी टीम के साथ समर्पण भाव से कार्य को पूर्णता की ओर ले जा रहे हैं।

श्रीराम वनगमन राष्ट्रीय काव्ययात्रा की प्रांत संयोजिका श्रीमती मल्लिका रूद्रा तन्मयता के साथ निरंतर लगी हुई है। वो प्रतिदिन, केन्द्र एवं प्रांत से जिला स्तर की तैयारी की जानकारी, कवियों का संयोजन , कविसम्मेलन एवं पूरी यात्रा की व्यवस्था की  समीक्षा करके योजना तैयार कर रही हैं। उनके दिशानिर्देशन में  छत्तीसगढ़ प्रांत की काव्ययात्रा गतिशील है । उनके साथ सहयोग के लिए सहसंयोजक के रूप में कमल किशोर शर्मा व देवेंद्र परिहार लगे हुए हैं। इस कार्य में उर्मिला देवी का सहयोग भी प्राप्त हो रहा है ।

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