सुराजी गांव योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी गंभीरतापूर्वक कार्य करें : कलेक्टर

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संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के भी दिए निर्देश

मल्टीएक्टीविटी केन्द्र के रूप में गौठान में कृषि संबंधी गतिविधियां मशरूम उत्पादन, मछलीपालन, मुर्गीपालन, सामुदायिक बाड़ी एवं अन्य गतिविधियां होती रहे संचालित, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण में गति लाने के दिए निर्देश

सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के कार्यों की गहन समीक्षा की

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

राजनांदगांव, कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सुराजी गांव योजना, गोधन न्याय योजना एवं राजीव गांधी किसान न्याय योजना के संबंध में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के कार्यों की गहन समीक्षा की। इस दौरान एसडीएम, जनपद सीईओ भी वीसी के माध्यम से जुड़े रहे। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि गौठान के कार्यों की जिम्मेदारी कृषि विभाग की है। सुराजी गांव योजना शासन की फ्लैगशिप योजना है और इसके क्रियान्वयन के लिए सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी गंभीरतापूर्वक कार्य करें।

उन्होंने कहा कि सुराजी गांव योजना की सफलता के लिए गौठान में मवेशी का आना जरूरी है। सभी गौठानों में गोबर खरीदी होना चाहिए तथा गौठान सक्रिय रहना चाहिए। वर्मी कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट के निर्माण के साथ ही वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गौठान मल्टीएक्टीविटी केन्द्र बन रहे हैं और यहां कृषि संबंधी गतिविधियां मशरूम उत्पादन, मछलीपालन, मुर्गीपालन, सामुदायिक बाड़ी एवं अन्य गतिविधियां संचालित होती रहे। उन्होंने कहा कि गौठान में एक से अधिक गतिविधियां संचालित होने से समूह की महिलाओं को लाभ होगा।

वर्मी कम्पोस्ट की लाभांश राशि मिलने से उनका उत्साह बढ़ा है। उन्हें अन्य मल्टीएक्टिविटी गतिविधियों से जोडऩे की जरूरत है। उन्होंने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों से कहा कि कृषि विभाग इस योजना के लिए नोडल विभाग है। जिसमें पंचायत, उद्यानिकी एवं अन्य विभाग सहयोग करेंगे। उन्होंने विकासखंडवार ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के कार्यों की समीक्षा की तथा ऐसे ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी जिनका कार्य संतोषजनक नहीं है, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए एसडीएम को निर्देशित किया।

कलेक्टर श्री सिन्हा ने समीक्षा के दौरान कहा कि शासन की प्राथमिकता के इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी। जिले में 358 गौठान है। ऐसे गौठान जहां विशेष ध्यान देने की जरूरत है, वहां सुविधाएं बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि विकासखंडों में 10 मॉडल गौठान का चिन्हांकन कर शीघ्र ही वहां समूह की महिलाओं के लिए आजीविका संवर्धन का कार्य प्रारंभ करें। उन्होंने सभी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को मुख्यालय में अनिवार्य रूप से रहने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि सभी गौठान कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय से उन्नत तकनीक तथा अन्य महत्वपूर्ण जानकारी व मार्गदर्शन ले। उन्होंने गौठानों में उन्नत प्रजाति के शकरकंद लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की समीक्षा की।

जिला पंचायत सीईओ लोकेश चन्द्राकर ने कहा कि मॉडल गौठानों में पानी, फेंसिंग, चारा एवं अन्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दें। महिला स्वसहायता समूह को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर प्रोत्साहित करें। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण पर विशेष ध्यान दें। ताकि समूह की महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत बनें। वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के लिए एक संरचना का निर्माण हो चुका है और अब सिर्फ वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य करना है। नए गौठान के निर्माण के कार्य में भी गति लाए। इस अवसर पर उप संचालक कृषि जीएस धु्रर्वे, सहायक संचालक उद्यानिकी राजेश शर्मा, सहायक संचालक कृषि टीकम ठाकुर, सहायक संचालक मत्स्य पालन श्रीमती गीतांजलि गजभिये, कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञ, मनरेगा के फैज मेनन, वरिष्ठ ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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