बी.सी. सखी कार्य को अच्छे स्थापित करने के लिए 68 हजार रूपये का मिला सहयोग
घर-घर जाकर वृद्धजनों को पेशंन देने से बुजुर्गाे का मिल रहा आशीर्वाद
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना से जुड़कर जिले के दूरस्थ अंचल और ग्रामीणों के घर-घर तक बीसी सखी की महिलाएं बैंक की सेवाओं को पहुंचा रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री के.एस.मण्डावी दिशा-निर्देश में पत्थलगांव के ग्राम पंचायत खारढोढी की सरिता गुप्ता राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान योजना अन्तर्गत बी.सी. सखी के रूप में काम कर रही है। बी.सी.सखी के रूप में कार्य करके सरिता को अलग पहचान मिली है और उससे बैंक वाली दीदी कहकर बुलाते हैं।
सरिता गुप्ता ने बताया कि 2005 मे शादी कर के खारढोढी आयी। शादी के बाद घर पर रहकर घर का काम करती थी। उस समय उसकी घर की आर्थिक स्थिति कुछ अच्छी नही थी और कुछ करना चाहती थी, कुछ दिन बाद स्वच्छ भारत मिशन कार्यकम आया जिसमें सरिता गुप्ता ने लिखित परीक्षा में पास हुई और प्रेरक बनी। प्रेरक बनने के बाद साक्षरता मे काम करने लगी। इसी दौरान जनपद पंचायत पत्थलगांव मे राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान योजना के अन्तर्गत उन्हें बी.पी.एम. मिले। उन्होंने सरिता को सक्रिय महिला बनकर समूह बनाने के लिए प्रेरित किया, जिससे प्रेरित होकर सरिता ने अपने मुहल्ले की 10 औरतो के साथ मिलकर एक समूह बनाया गया, समूह मे सरिता सचिव के पद पर हैं। इसके बाद वह समूह में काम करते हुए बचत करने लगी फिर एन.आर.एल.एम. पत्थलगांव के तहत बी.सी. सखी के कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया और बी.सी. सखी के रूप में काम करने के लिए तैयार हो गई। पेंशनधारियों को पेंशन प्रदान, रोजगार गारंटी का पैसा और गाँव के महिलाओं का बचत खाता खोलकर बीमा, पैसों का लेन-देन, पेन कार्ड, आधार कार्ड, ई श्रम कार्ड, और बहुत सारे ऑन लाईन काम करती है। जिससे उनके गाँव वाले बहुँत खुश हैं। और सरिता को भी एक अच्छी आमदनी मिल जाती है।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि प्रारंभ में मैं अपने घर के आंगन में ही बैठकर कार्य करती थी। फिर बिहान योजना के अंतर्गत मुझे अपने कार्य को अच्छे स्थापित करने के लिए 68,000 रूपये की बी.सी. सखी क्षमता वर्धन राशि प्राप्त हुई। जिससे मैने बी.सी. सखी के रूप में कार्य करने के लिए एक दुकान बनवाया। अपने गाँव के लोगों को अपने दुकान में बैठाकर अच्छे से कार्य कर रही हूँ। बी.सी. सखी के रूप में कार्य करने के लिए मुझे कियोस्क आई.डी. एन.आर.एल.एम. के तहत प्रदान की गई। जिससे पैसों का लेन-देन कर मै गाँव वालों को घर बैठे बैंकों की सुविधा दे रही हूँ। कोरोना काल में मैं लोगो के घर-घर जाकर वृद्धजनों को पेशंन दिया करती थी। जिससे बुजुर्गाे से मुझे काफी आशीर्वाद मिला करता था। आज मैं एक सक्षम महिला हूँ। बी.सी. सखी के रूप में कार्य करके मुझे बहुँत अच्छी कमाई हो जाती है। अपने पति के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आर्थिक रूप से सहयोग कर रही हूँ। सरिता ने छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन बिहान जैसे योजना से आज मैं अपनी अलग पहचान बनाकर अपने पैरो पर खड़ी हूं।