जशपुर कलेक्टर ने ग्रीष्म ऋतु में हीट वेब एवं जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पूर्व तैयारी करने के दिए निर्देश, सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में ओआरएस कार्नर की व्यवस्था करें

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महामारी नियंत्रण हेतु स्वास्थ्य केन्द्रों में आवश्यक दवाई भण्डार करके रखने के निर्देश

पहुंच विहीन क्षेत्रों में संपर्क नम्बर सूचना पटल पर अंकित करने के लिए कहा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ग्रीष्म ऋतु में हीट वेब एवं जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए पूर्व तैयारी के संबंध में जानकारी  लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए।  ग्रीष्म ऋतु में हीट वेब एवं जल जनित बीमारियों से होने वाले लू, हीट स्ट्रोक, उल्टी दस्त, डायरिया, जल जनित, आन्त्रशोथ, पीलिया, संक्रामक एवं अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा प्रारंभ हो जाता है। इन बीमारियों का महामारी का रूप धारण करने के संभावना रहती है और इन पर प्रभाव भाली तरीके से नियंत्रण के उपाय हर स्तर पर किया जाना होता है। इससे निपटने हेतु पूर्व तैयारी एवं आवश्यक उपायों के संबंध में समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में तैयारी सुनिश्चित किया गया है।

कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के सभी प्राथमिक, सामुदायिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.आर.एस. कार्नर की व्यवस्था किये जाने एवं उसमें पर्याप्त मात्रा में आई.व्ही.फ्लूईड्स, ओ.आर.एस. पैकेट एवं बुखार की दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। बाह्य रोगी विभाग कक्ष में बैठने की उचित प्रबंध के साथ ठंडे पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा प्रत्येक अस्पतालों में कम से कम दो बिस्तर इन मरीजों के लिये आरक्षित करने के लिये निर्देश दिये गये हैं। वार्ड एवं स्वास्थ्य संस्थानों में शीतलता हेतु कुलर की व्यवस्था व अन्य उपाय किये जाने हेतु निर्देश सभी स्वास्थ्य संस्थानों को दिये गये हैं। प्रत्येक मरीज को लू से बचाव की जानकारी आवश्यक रूप से दिये जाने तथा साथ ही साथ उन्हे प्यास अनुसार पानी की व्यवस्था तथा छोटे बच्चों को कपड़े से ढककर छाया वाले स्थान पर रखने की अपील करने के निर्देश दिये गये है। सबसे पहले यह सुनिश्चित करें कि कोई भी चिकित्सालय चिकित्सक विहीन तथा उप स्वास्थ्य केंद्र कार्यकर्ता विहीन न रहे, ये संस्थाए रिक्त होने पर वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए जानकारी उपलब्ध कराये जाने के लिए निर्देश दिये गये है। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्था में महामारी नियंत्रण हेतु आवश्यक सभी दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करे, दवाईयों का समुचित भण्डारण रखने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रत्येक ग्राम, बसाहट में डिपो होल्डर की उपलब्ध हों, जहाँ डिपो होल्डर नही हों वहाँ मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को डिपो होल्डर नामांकित कर उनके पास पर्याप्त मात्रा में ओ.आर.एस. पैकेट, क्लोरीन गोली, ब्लीचिंग पाउडर, पैरासिटामाल आदि दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है।

डिपो होल्डरों को महामारी नियंत्रण गतिविधियों के संबंध में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रशिक्षण दिलावें और उनके घर के सामने उपलब्ध दवाओं सूची लगाये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। प्रत्येक ग्राम, बसाहट के पेय जल स्रोतों की पहचान तथा मानचित्री करण करावे व आवश्यकतानुसार जल शुद्धिकरण कराया जाना सुनिश्चित करें संक्रामक रोगों के प्रकोप होने स्थिति में प्रतिदिन प्रभावित क्षेत्र के पेय जल स्रोतों में जल शुद्धिकरण आवश्यक रूप से करावें जिसके लिए पी.एच.ई से समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही करने निर्देश दिये गये है। महामारी की स्थिति संभावित प्रकरण होने पर संबंधित क्षेत्र के प्रभावित लोगो का पैथालाजी जांच जैसे मल परीक्षण, रक्त परीक्षण आदि हेतु सेम्पल संकलित कर जांच हेतु भेजा जाना सुनिश्चित किया गया है। महामारी की स्थिति पर प्रभावशाली नियंत्रण हेतु सुदृढ़ सूचना संचार तंत्र होना अत्यावश्यक है। प्रत्येक ग्राम से विकासखंड से जिले को महामारी की सूचना सीधे विभाग से अविलंब प्राप्त होनी चाहिए। इसके लिए रैपिड रिस्पांस टीम (काम्बेट दल) को अलर्ट रखे व वाहन व्यवस्था भी रिजर्व रखे संचार हेतु पुलिस, वन, राजस्व आदि विभागों के पास उपलब्ध वायर लेस सुविधा का उपयोग किया जा सकता है, विशेषकर पहुंचविहीन एवं पूर्व में महामारी हेतु चिन्हित ग्रामों के जनप्रतिनिधि, मितानिन का संपर्क क्रमांक यथा मोबाईल नम्बर अनिवार्यतः प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में संकलित कर एक प्रति इस कार्यालय को 07 दिवस के भीतर प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया गया है।

प्रत्येक सामु.स्वा.केन्द्रों पर 24ग7 नियंत्रण कक्ष बनाते हुए दूरभाष के साथ कर्मचारी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।  विकासखंड, सेक्टर, एवं ग्राम स्तर पर शासकीय कर्मचारी जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी संस्थाएं आदि की बैठक कर महामारी नियंत्रण हेतु जन जागरूकता करें एवं व्यापक प्रचार प्रसार स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान कराया जाना सुनिश्चित किया गया है। महामारी का दैनिक, साप्ताहिक, एवं मासिक प्रतिवेदन नियमित से जिला सर्विलेंस इकाई (प्क्ैच्), ईमेल-  बउवीमंसजी/हउंपस.बवउ दूरभाष नंबर 9340797400 कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को जानकारी उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया गया है। जिला चिकित्सालय, समस्त सामुदायिक/प्राथमिक/उप स्वास्थ्य केन्द्र को महामारी पीड़ित मरीजों के भर्ती एवं उपचार हेतु व्यवस्थित एवं तैयार रखा जाना सुनिश्चित किया गया है। इन सभी उपायों के बावजूद यदि संक्रामक रोगों से कोई मृत्यु होती है तो उसका तत्काल नियमानुसार परीक्षण करा कर निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन यथाशीघ्र महामारी शाखा आई.डी.एस.पी में भेजने के लिए निर्देशित किया गया है।

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