जलजनित एवं मौसमी संक्रामक बीमारियों से बचाव रोकथाम नियंत्रण एवं उपचार हेतु जशपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूर्ण

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल के दिशा निर्देश में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जलजनित एवं मौसमी संक्रामक बीमारियों से बचाव रोकथाम नियंत्रण  एवं उपचार हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम एवं तैयारी की गई है। मुख्यचिकित्सा एवं सवास्थ्य अधिकारी ने बताया कि जिले में महामारी कन्ट्रोल रूम की स्थापना जिले के क्षेत्रों में महामारी की स्थिति उत्पन्न होने पर तत्काल इसकी सूचना देने हेतु जिला एवं खण्ड स्तरीय महामारी नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। जिला मुख्यालय में 01 एवं प्रत्येक खण्ड स्तर पर 01-01 महामारी नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला जशपुर के आई.डी.एस.पी. इकाई -कक्ष क्रमांक 02 में स्थापित महामारी नियंत्रण कक्ष के प्रभारी डॉ. आर.एस.पैंकरा, मोबाईल नं. 9424184272 एवं जिला महामारी सलाहकार श्री सत्येन्द्र यादव, मोबाईल नं0 9907539674 हैं।

इसी प्रकार महामारी कॉम्बेट टीम की स्थापना की गई है। जिला, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर गठित आर.आर.टी. एवं कॉम्बेट टीम द्वारा जिले के समस्त क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखी जा रही है। जिला स्तर पर 01, खण्ड स्तर पर 08 एवं सेक्टर,प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर 47 महामारी कॉम्बेट टीम का गठन किया गया है। इसके अलावा उपस्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर पदस्थ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं ग्राम स्तर पर पदस्थ मितानिनों के द्वारा अपने क्षेत्रों में सतत निगरानी रखी जा रही है।

उन्होंने बताया कि संक्रामक रोगों के प्रकोप होने पर इनके पैथोलॉजी जांच हेतु आई.डी.एस. पी. के अंतर्गत जिला जशपुर हेतु रेफरल लेबोरेट्री “स्व. लखीराम अग्रवाल, स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायगढ़ छ.ग.,छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स), बिलासपुर छ.ग. है। संक्रामक रोगों के प्रयोगषाला जांच हेतु सेम्पल संबद्ध रेफरल लेबोरेट्रिज में भेजा जा रहा है। मौसमी बीमारियों के प्रभावी रोकथाम एवं निदान हेतु जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रसारित किये जा चुके हैं। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 323 ओआरटी कार्नर की व्यवस्था, पर्याप्त मात्रा में आई.व्ही. फ्लूईड्स, ओ.आर.एस. पैकेट, बुखार की दवा एवं अन्य जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। गंभीर मरीजों को संदर्भित करने के लिये 108 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग किया जा रहा है तथा बच्चों में दस्त रोग के समुचित प्रबंधन हेतु “लो आस्मोलर ओ.आर.एस एवं चौदह दिनों तक जिंक डिस्पर्सिबल गोलियों का उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जिले के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं स्वास्थ्य सुविधा केन्द्रों में संक्रामक रोगों के प्रकोपों की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। शहरी क्षेत्रों में महिला आरोग्य समिति द्वारा महामारी से बचाव के उपायों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। मलेरिया एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों का नियंत्रण-मलेरिया, डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों के रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु आवश्यक उपाय जैसे नियमित सर्वेलेंस, रक्त पट्टी संग्रहण, निर्धारित क्षेत्रों में निर्धारित कीटनाषकों का छिड़काव, लार्वा भक्षी मछलियों का पालन, त्वरित निदान एवं शीघ्र उपचार, व्यक्तिगत सुरक्षा के उपाय तथा साफ-सफाई की व्यवस्था आदि का प्रभावशाली क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है।

महामारी की स्थिति पर प्रभावशाली नियंत्रण हेतु सूचना-संचार तंत्र को सुदृढ़ कर लिया गया है। प्रत्येक ग्राम से उपस्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र से पी.एच.सी., पी.एच.सी. से विकासखण्ड एवं विकासखण्ड से जिले में महामारी की सूचना नियमित रूप से प्राप्त हो रही है। इसके अतिरिक्त प्रकोपों की सूचना हेतु दूरभाष, मोबाईल फोन के अलावा पुलिस, वन, राजस्व आदि विभागों के पास उपलब्ध वायरलेस सुविधा का उपयोग किया जा रहा है। मौसमी बीमारियों से बचाव व जनसामान्य में जागरूकता की जा रही है।

जिले के उपस्वास्थ्य केन्द्रों को बुनियादी सुविधा अनुसार हेल्थ एवं वेल्नेस सेंटर के रूप में संचालित किया जा रहा है, जहां पर सभी प्रकार की मौसमी बीमारियों की जांच एवं उपचार सहित अन्य सुविधिायें दी जा रही है साथ ही जिले के हाट-बाजारों में चलित अस्पतालों के माध्यम से शिविर लगाकर जनसमुदाय को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जा रही है। खण्ड स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों की निर्धारित मुख्यालय में उपलब्धता -जिला एवं विकासखण्ड स्तर के सर्व संबंधित अधिकारी द्वारा अपने निर्धारित मुख्यालय में निवासरत होकर क्षेत्र में सतत् भ्रमण करते हुये निगरानी रखी जा रही है।

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