फ़र्ज़ी मामले में किसान की 12 वर्षीय नाबालिग़ बेटी को जेल भेजने के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली पहुँचें भाजपा किसान नेता गौरी शंकर श्रीवास

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आयोग ने दर्ज कर लिया प्रकरण

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

तुमगाँव थाना के प्रभारी रामअवतार पटेल द्वारा बिना किसी विवेचना के किसान भूषण साहू और उसके पुत्र को जेल भिजवा देने तथा मामले के डेढ़ माह बाद किसान की नाबालिग बारह वर्षीय पुत्री को भी आरोपी बनाकर कोर्ट  में पेश कर जेल भिजवा देने का विवादास्पद मामला राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग तक पहुँच गया है. भाजपा किसान नेता गौरी शंकर श्रीवास के आवेदन पर आयोग ने प्रकरण क्रमांक 65690/CR/2022  दर्ज कर लिया है.

गौरी शंकर श्रीवास ने कहा कि प्रदेश मे पुलिस अपनी मनमानी पर उतर आयी है गाँव गरीब तबके के निम्न वर्ग के लोगों पर जुल्म हो रहा है. वो भी तब जब स्वयं गृहमंत्री उस जिले के प्रभारी मंत्री है. तब इतनी बड़ी बात हो गयी और सरकार और पुलिस अधीक्षक सोते रहे और एक बेगुनाह बच्ची को जेल भेज दिया गया. पुलिस ये भी नही सोची की बच्ची की मनोदशा पर क्या असर पड़ेगा ? छत्तीसगढ़ सरकार से न्याय की उम्मीद नही है, इसलिए राष्ट्रीय मानवअधिकार आयोग की शरण में मुझे जाना पड़ा किसान पुत्री के लिए इस लडाई को अंत तक लड़ेंगे.

क्या था मामला ?

गत 3 मार्च 2022 को तुमगाँव थाना महासमुँद जिला में किसान भूषण साहू और वन विभाग के बीच अतिक्रमण के विवाद के चलते हाथापाई हुई थी, जिसमें भूषण साहू और रेंजर दोनो चोटिल हुए थे. वन विभाग ने एक पक्षीय कार्यवाही करवाते हुए भूषण साहू, उसके पुत्र तथा बारह साल की मासूम पुत्री को आरोपी बनवाया. तुमगाँव थाना के प्रभारी रामअवतार पटेल ने बिना किसी विवेचना के किसान भूषण साहू और उसके पुत्र को जेल भिजवा दिया तथा मामले के डेढ़ माह बाद किसान की नाबालिग बारह वर्षीय पुत्री को भी आरोपी बनाकर कल कोर्ट  में पेश कर जेल भेज दिया गया. इस विषय पर भाजपा किसान नेता गौरी शंकर श्रीवास से पीड़ित किसान का परिवार मिला और सारी बातें बताई, जिसपर गौरी शंकर श्रीवास ने आपत्ति लेते हुए थाना प्रभारी से चर्चा किया तथा संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर श्रीवास ने बाल संरक्षण आयोग तथा राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग नई दिल्ली में केस दर्ज करवाया.

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