सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने में सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका: भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री से दुर्ग, बालोद और बेमेतरा जिले के सहकारी समितियों के प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

रायपुर, छत्तीसगढ़ में सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने में प्रदेश की सहकारी समितियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए धान खरीदी और खाद, बीज वितरण के साथ-साथ गौठानों में संचालित गतिविधियों को भी सहकारिता से जोड़ने की जरुरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश में 100 करोड़ रुपए से अधिक की गोबर खरीदी की गई है। गोबर खरीदी की राशि का पशुपालकों और संग्राहकों को भुगतान भी सहकारिता के माध्यम से किया गया है। इसी तरह गौठान समितियों को 32.94 करोड़ तथा महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश की राशि के रूप में 21.42 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान भी सहकारिता के माध्यम से किया गया है।

गौठानों में तैयार किए गए वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का वितरण भी सहकारी समितियों के माध्यम से किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा गौठानों में संचालित गतिविधियों को सहकारिता से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर प्रतिनिधि मंडल में शामिल सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं पर विचार कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों को कृषि कार्य के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत आदान सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना में खरीफ फसल, कोदो-कुटकी, फल और सब्जियां लगाने वाले किसानों को 9 हजार रूपए प्रति एकड़ के मान से आदान सहायता दी जाएगी। इसी तरह धान के बदले कोदो-कुटकी तथा खरीफ फसल लगाने वाले किसानों को 10 हजार रूपए प्रति एकड़ आदान सहायता देने का प्रावधान किया गया है। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 3 वर्ष तक 10 हजार रूपए प्रति एकड़ सहायता दी जाएगी। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव विकास उपाध्याय, बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।  

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