बृजमोहन झूठ बोल रहे 15 साल तक भाजपा सरकार इन्ही नियमो पर धरना प्रदर्शन की अनुमति देती थी जो वर्तमान में पालन करने कहा गया है – कांग्रेस

May 1, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बृजमोहन झूठ और भ्रम फैलाने की राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने धरना, प्रदर्शन, आंदोलन, सार्वजनिक आयोजन के संबंध में जो निर्देश जारी किये है वह नये नहीं है इस प्रदेश में पहले से लागू है। पिछले कुछ दशकों से लागू है। पूर्ववर्ती रमन सरकार के समय से लागू है। आयोजनों के दौरान शांति एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिये पूर्ववत बने नियमों के पालन की ही बात है इस निर्देश में है। जो नियम भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में लागू थे  जिस सरकार में बृजमोहन खुद मंत्री थे और जिसका 15 साल तक स्वयं भाजपा की रमन सरकार कड़ाई से पालन करवाती थी।उन्हीं नियमों के संबंध में जारी किये गये निर्देश अलोकतांत्रिक कैसे हो गये? कुछ दिन पहले जिस कानून के पालन के निर्देश भाजपा की उत्तरप्रदेश सरकार अपने राज्य में करती है वही कानून उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक है और छत्तीसगढ़ में गैर प्रजातांत्रिक हो गया।

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धरना, प्रदर्शन के लिये अनुमति देने शर्तें लगाने का अधिकार पुलिस को भाजपा की रमन सरकार ने दिया था। पूर्ववर्ती रमन सरकार के द्वारा बनाये गये छत्तीसगढ़ पुलिस अधिनियम 2007 के धारा 34 में सभाओं, जुलूस एवं परिसरों के विनियमन के तहत पुलिस को यह कानून व्यवस्था के लिये धरना प्रदर्शन, आंदोलन, आयोजन की अनुमति के लिये यह अधिकार दिया गया है कि वह शर्तों के साथ अनुमति नियम भी भाजपा ने बनाया 15 साल पालन भी किया और अब विरोध भी कर रहे यह है भाजपा का दोहरा चरित्र।

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा जिस नियमों के पालन के जारी निर्देश पर सवाल खड़ा कर आंदोलन की बातें कर जनता में भ्रम फैला रही है, वैसे ही उन नियमों को खुद रमन सरकार के द्वारा पालन करवाया जाता था। राजनैतिक, सामाजिक, कर्मचारी वर्ग के द्वारा धरना प्रदर्शन के लिये जो अनुमति दी गयी है उसको उन्हीं नियमों शर्तों के साथ दी गयी है जो 22.04.2022 को हमारी सरकार के द्वारा जारी निर्देश में है-।इसी प्रकार भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार के तरफ से सभी पुलिस अधीक्षक और जिलाधीशों को निर्देश दिया है जिसमें उनके द्वारा धरना प्रदर्शन के लिये 9 बिंदु जारी कर उनका पालन सुनिश्चित करवाने को कहा गया है। साथ ही वहां पर भी अनुमति के पूर्व शपथ पत्र और सुप्रीम कोर्ट के आदेश और उनका पालन नहीं करने पर माननीय न्यायालय की अवमानना जैसे शब्दों का भी उल्लेख है।

ऐसा ही सर्कुलर दिल्ली पुलिस कमिश्नर द्वारा 28.3.12 को जारी किया गया जिसे 19.1.20 से फिर यथावत रखा गया है जिसमें भी धरना प्रदर्शन, आंदोलन के आयोजन के लिये अनुमति का प्रावधान है तथा जिसमें अनुमति देने के पूर्व 21 बिंदुओं का अंग्रेजी में शपथ पत्र भरवाया जाता है। दिल्ली पुलिस तो भाजपा की केंद्र सरकार के अधीन है। जो नियम यूपी में लागू है, जो नियम दिल्ली में लागू है, जो नियम गुजरात में लागू है, लगभग देशभर में लागू है उसी नियम के लिये छत्तीसगढ़ में जारी निर्देश पर भाजपाई बेशर्मीपूर्वक आंदोलन की बात कर रहे हैं।