केवल पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाना राज्य के कर्मचारियों के साथ अन्याय : भाजपा

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राज्य की कांग्रेस सरकार ने पांच लाख परिवारों से किया छल – विष्णुदेव साय

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने राज्य कर्मचारियों का पांच फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पांच लाख परिवार के 25 लाख लोगों के भरोसे को तोड़ा है। उनके साथ छल किया है। महंगाई भत्ता 17 प्रतिशत की जगह पांच फीसदी बढ़ाना राज्य कर्मचारियों के साथ अन्याय है। राज्य सरकार को केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता देने की मांग करते हुए श्री साय ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने केंद्र के मुकाबले 12 फीसदी कम महंगाई भत्ता देना तय किया है। राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को सिर्फ पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने बमुश्किल तैयार हुई है। यह वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा वाली स्थिति के जैसी है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के कर्मचारियों को सपने दिखाए। उनसे किये गए वादे पूरे करने की बजाय उनका शोषण कर रहे हैं। महंगाई भत्ता बढ़ाने की कर्मचारियों की लंबे समय से की जा रही मांग को लटकाते रहे। कहा गया था कि जल्द ही खुशखबरी मिलेगी। अब यह खुशखबरी है या राज्य की सेवा में लगे कर्मचारियों तथा उनके परिवार के लिए हताश निराश कर देने वाला फैसला है कि हर मौके बेमौके केंद्र पर दोष मढ़ने वाले मुख्यमंत्री ने अपने कर्मचारियों का मामूली सा भत्ता बढ़ाया है। जबकि कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता बढ़ने की उम्मीद थी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि अब मुख्यमंत्री बतायें कि केंद्र सरकार के वित्त पोषण के दम पर राज्य की जनता और राज्य कर्मचारियों का शोषण करने वाली सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के बराबर क्यों नहीं दिया ? केंद्र की मोदी सरकार बीते तीन साल से राज्य की बघेल सरकार को तीन गुना ज्यादा राशि उपलब्ध करा रही है, इसके बावजूद न तो कोई विकास हो रहा न ही कर्मचारियों की जरूरतें पूरी हो रही हैं और न ही जनता से किये गए वादे पूरे हो रहे हैं। केंद्र सरकार से भरपूर पैसा मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री और उनकी कांग्रेस पार्टी झूठा रोना रोते रहते हैं। उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था को इस हाल में ला दिया है कि जनता से लेकर सरकारी कर्मचारी तक सभी के हित प्रभावित हो रहे हैं।

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