पॉवर कंपनी ने पाई सफलता, 24 घंटे के भीतर खड़ा किया नया ईएचटी टावर, कानन पेंडारी के पास आंधी से गिरा था बिजली का 90 फीट ऊंचा टावर

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युद्धस्तर पर सुधार कार्य में जुटे अफसर, तीन दिन का काम एक दिन में पूरा किया

132 केवी टावर गिरने से 70 गांव में विद्युत आपूर्ति बाधित

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

शुक्रवार शाम को आंधी तूफान से बिलासपुर के कानन पेंडारी में बिजली के गिरे 90 फीट ऊंचे ईएचटी (अतिउच्चदाब) टावर को पॉवर कंपनी रिकार्ड समय 24 घंटे में ही खड़ा कर लिया। सामान्य तौर पर इसे खड़ा करने में दो से तीन दिन का समय लगता है। पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के बेहतर तालमेल से युद्ध स्तर पर कार्य किया गया और आज शनिवार शाम 7.54 बजे ही 70 गांवों में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह सामान्य कर ली गई।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी के चेयरमेन श्री अंकित आनंद (आईएएस) ने इस उपलब्धि के लिये दोनों कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई दी है।

शुक्रवार को बिलासपुर के कानन पेंडारी इलाके में आंधी से 132 केवी का टावर गिर गया था। जिसके बाद ट्रांसमिशन कंपनी की प्रबंध निदेशक श्रीमती उज्जवला बघेल एवं डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री मनोज खरे लगातार मौके पर मौजूद अधिकारियों के संपर्क में रहे।

भिलाई से चार टन वजन का नया टावर खड़ा करने के लिये गाड़ी रवाना की गई। इसमें 120 बड़े एंगल और नट बोल्ट थे। दोपहर 1 बजे यह मौके पर पहुंचा। इन्हें व्यवस्थित तरीके से नंबरिंग के आधार पर खड़ा किया गया। शाम 7 बजे तक टावर खड़ा हो गया, जिसके बाद कंडक्टर लगाया गया।

 भीषण गर्मी में 90 फीट ऊंचाई तक लोहे के एंगल को खड़ा करना अत्यंत कठिन और चुनौतीपूर्ण कार्य था। जिसे बिजलीकर्मियों ने 24 घंटे के भीतर खड़ा करके नया रिकार्ड कायम किया है। इसमें रात का समय छोड़ दिया जाए तो यह काम 12 घंटे में ही पूरी किया गया। इस कार्य में डिस्ट्रीब्यूशन एवं ट्रांसमिशन कंपनी के 125 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी लगातार जुटे रहे।

बिलासपुर रीजन के कार्यपालक निदेशक श्री संजय पटेल मौके पर अधिकारियों के साथ जुटे रहे। इस कार्य में अधीक्षण अभियंता सर्वश्री राजेंद्र अग्रवाल, सतीश दुबे, यतेंद्र मनहर,  वीरेंद्र दीक्षित, पीपी सिंह भिलाई,  कार्यपालन अभियंता नागेश्वर त्रिपाठी,  पीपी गढ़ेवाल, गणेश जायसवाल, मिथलेश दुबे, अमर चौधरी के साथ पूरी टीम लगे रहे।

दोपहर में वैकल्पिक व्यवस्था से विद्युत आपूर्ति

सबसे पहले वैकल्पिक व्यवस्था करके 70 गांवों में दोपहर एक बजे तक विद्युत आपूर्ति शुरू कर दी गई थी। लोरमी के कबराटोला और तिफरा स्थित 132 केवी उपकेंद्र से प्रभावित 33 केवी के 11 उपकेंद्रों  तक बिजली पहुंचाई गई।

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