मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भेंट-मुलाकात के दौरान कुटरू को दी कई सौगात, वनांचल में शिक्षा, स्वास्थ और खेल सुविधाओं के विकास के लिए की कई घोषणाएं

आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, शासकीय महाविद्यालय और खेल मैदान की स्थानीय मांग को तुरंत मंजूरी

मुख्यमंत्री ने नक्सल पीड़ित मुरिया महिला को दी 5 लाख रूपए की मदद

कलेक्टर को महुआ का रेट कम से कम 30 रुपये सुनिश्चित करने के निर्देश

आदिवासी महिलाओं ने बताया आजीविकामूलक गतिविधियों से मिल रहे आर्थिक आय के नए अवसर

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज बीजापुर विधानसभा के कुटरू में नागरिकों से भेंट-मुलाकात के लिए पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने आदिवासी परंपरा के प्रतीक स्वरूप मुख्यमंत्री को मुंगरू पागा बांधकर और कटोक लगाकर सम्मानित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए आम जनता को कई महत्वपूर्ण सौगात दी। आम लोगों से बात-चीत के दौरान आई मांग पर भी मुख्यमंत्री श्री बघेल ने त्वरित निर्णय लेते हुए कई घोषणाएं की। इनमें वनांचल में शिक्षा, स्वास्थ, खेल और धान खरीदी केन्द्र जैसी नागरिकों की मूलभूत जरूरतों से संबंधित स्वीकृति शामिल है। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने वनाधिकार पट्टा मिलने, जाति प्रमाण पत्र समय पर मिलने और योजनाओं का लाभ मिलने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

स्थानीय लोगों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा मैं कुटरू में पहली बार आया हूँ। हमने ऋण माफी की। आपको भी ऋण माफी का लाभ हुआ होगा। किसानों ने बताया कि उनका 20 हजार से 2 लाख तक कर्जा माफ हुआ है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के कहते ही कि परसों फिर आपके खाते में राजीव गांधी न्याय योजना का पैसा आएगा, तालियां जोर-जोर से बजने लगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास जमीन नहीं है, उन्हें भी 7 हजार दिया जा रहा है। हमारी सरकार बैगा गुनिया, गायता, पेरमा, मांझी को भी 7 हजार दे रही है। इस पर स्थानीय लोगों ने खुशी से ताली बजाकर आभार जताया। उन्होंने तेंदू पत्ता की संग्रहण राशि के बारे में जानकारी ली और पूछा किस किसान ने ट्रैक्टर ली है, तभी किसान मंगलूराम ने बताया कि मैंने आपकी सरकार बनते ही ट्रैक्टर ले लिया था। मुख्यमंत्री बोले- पहले किश्त न चुका पाने के कारण किसानों का ट्रैक्टर खींचा जाता था, लेकिन अब पहली बार हो रहा है कि किसानों का ट्रैक्टर नहीं खींचा जा रहा है, क्योंकि पर्याप्त राशि मिल रही है।

श्री बघेल से भेंट-मुलाकात में स्थानीय ग्रामीण श्री सत्यसागर हरिकेला ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुटरू क्षेत्र में एक भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल नहीं है। राज्य सरकार के स्वामी आत्मानंद स्कूल की गूंज पूरे देश में है। कुटरू क्षेत्र में आदिवासी लोग अधिक हैं, जो प्रायवेट अंग्रेजी स्कूल में बच्चों को नहीं पढ़ा सकते। बीजापुर और बरेली में अंग्रेजी माध्यम स्कूल हैं, लेकिन वह काफी दूर है। यह कहतेे हुए श्री सत्यसागर ने मुख्यमंत्री से क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का निवेदन किया, जिसका सभी ग्रामीणों ने समर्थन किया। लोगों की मांग पर तुरंत निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कुटरू में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा की। हाईस्कूल के बाद कॉलेज की पढ़ाई के लिए बीजापुर और दूसरे स्थानों पर जाने की छा़त्र-छात्राओं की परेशानी दूर करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कुटरू में शासकीय महाविद्यालय खोलने की भी मंजूरी प्रदान की।

कॉलेज छात्र और राजीव गांधी युवा मितान क्लब के सदस्य श्री मंगलूराम कुड़ियाम की मांग पर मुख्यमंत्री ने तुरंत कुटरू में ग्राम पंचायत अड्डावली में खेल मैदान निर्माण की घोषणा की। इसके साथ ही कुटरू में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मिनी स्टेडियम और सरकारी बैंक खोलने की भी स्वीकृति प्रदान की। इसके साथ ही कुटरू में हाईस्कूल के नए भवन की मंजूरी भी दी। उन्होेंने बेदरे़े, फरसेगढ़ में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फरसेगढ़ में नवीन धान खरीदी केंद्र  खोलने के साथ जैवारम प्राथमिक स्कूल के मिडिल स्कूल में उन्नयन की भी स्वीकृति दी।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भेंट-मुलाकात में नक्सली हिंसा पीड़ित रीता मंडावी को 5 लाख रूपए कि आर्थिक सहायता प्रदान की। मुख्यमंत्री के हाथों सहायता राशि मिलने के बाद रीता मंडावी ने कहा कि वो इन पैसों को अपने बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए खर्च करेगी और अपने जीवन को पहले की तरह ही समाज सेवा और लोगों को जागरूक करने में समर्पित करेगी।

कुटरु में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली और लोगों से फ्लैगशिप योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में पूछा। किसानों ने बताया कि वनाधिकार पट्टों के वितरण के क्षेत्र में बड़ा काम कुटरू में हुआ है। इससे यहां के लोग काफी खुश हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि समर्थन मूल्य में धान कितने लोग बेच रहे हैं और कितने लोगों की कर्ज माफी हुई है। सभी किसानों ने हाथ उठाया। गोधन न्याय योजना के एक हितग्राही ने खुश होकर बताया कि उन्होंने 70 हजार रुपए का गोबर बेचकर घर बनवाया है। मुख्यमंत्री ने लघु वनोपज के संग्रहण और महुआ इमली आदि की खरीदी के संबंध में भी जानकारी ली। संग्राहकों ने बताया कि अभी महुआ 25 रुपये में बेच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ दिनों पहले तो महुआ का 40 रुपये मे बिक रहा था। संग्राहकों ने बताया कि अभी सीजन की वजह से रेट कम हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को निर्देशित किया कि कम से कम 30 रुपये महुआ का रेट सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री से बातचीत में किसान मंटूराम ने बताया कि वे अपने पत्नी संग रातभर गोबर की चौकीदारी करते हैं। कुछ दिन पहले उनके इकठ्ठे किये गोबर को गांव के कुछ लोग उठा ले गए थे। गोधन न्याय योजना में गोबर बेचकर मिले 28 हजार रुपये से उन्होंने मकान रिपेयर कराया है। अब घर की छत नहीं टपकती। भेंट-मुलाकात के दौरान बालक युवान हेमला ने अपनी सुरीली आवाज में मुख्यमंत्री को फील्म केसरी का गाना ‘तेरी मिट्टी में मिल जावां’ सुनाया। मुख्यमंत्री ने खुश होकर बच्ची को पास बुलाया और चॉकलेट दी। 

मुख्यमंत्री ने स्थानीय ग्रामीण से हाट-बाजार क्लिनिक योजना के सुचारू संचालन के बारे में जानकारी लेने पर ग्रामीण ने बताया कि हाट-बाजार में इलाज के लिए गाड़ी आती है। जिसमें दवा और इलाज दोनों ही मुफ्त हो रहा है। इस मौके पर स्व सहायता समूह से जुड़ी ऐसी महिलाएं भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रति आभार व्यक्त करने आई जिनकी जिंदगी में सुखद बदलाव ग्रामीण विकास की योजनाओं एवं आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने से आए हैं। इन महिलाओं ने बताया कि स्व सहायता समूह से जुड़कर वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ हुई हैं। वे अपने परिवार को भी आर्थिक रूप से सहयोग दे पा रही हैं। गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन से आर्थिक आय के नए अवसर उपलब्ध हुए हैं। इसके साथ ही बिहान योजना का जो दायरा ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बढ़ा है उसकी वजह से महिलाओं की आर्थिक आय बढ़ रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्व सहायता समूह की महिलाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों के विस्तार और बिहान के माध्यम से स्व सहायता समूह को मजबूत करने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। स्व सहायता समूह ग्रामीण विकास की मजबूत कड़ी के रूप में कार्य कर रही है और गौठान आजीविकामूलक केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं।

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