राज्य सभा चुनाव 2022 : अब कहां गया भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ियावाद ?- विष्णुदेव
May 30, 2022मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बताएं कि उन्हें कृषि विश्वविद्यालय में तो छत्तीसगढ़िया कुलपति चाहिए होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ का राज्यसभा सांसद नहीं चाहिए होता है क्यों ?
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर
छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ की रिक्त दोनों राज्यसभा सीटों पर कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर बाहरी उम्मीदवार तय किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल किया है कि वे यह बताएं कि अब उनका तथाकथित छत्तीसगढ़ियावाद कहां छुप गया है ? कहां खो गया है और कांग्रेस आलाकमान के आगे नतमस्तक होते हुए उन्होंने छत्तीसगढ़ के हितों से समझौता क्यों किया है ?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की जनता की आंखों में धूल झोंकते हुए हर रोज दिन में 10 बार छत्तीसगढ़िया-छत्तीसगढ़िया-छत्तीसगढ़िया की रट लगाए रहते हैं। कभी भौरा चलाते हैं, कभी पिट्टू खेलते हैं, कभी कुछ और स्वांग करते हैं, लेकिन जब छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की बात आती है तो भूपेश बघेल का स्वाभिमान 10 जनपद में गिरवी रखा जाता है। यह कौन सा छत्तीसगढ़ियावाद है ? यह कौन सी छत्तीसगढ़ की संस्कृति है ? छत्तीसगढ़ की संस्कृति ने अंग्रेजों के सामने सर नहीं झुकाया और यह भूपेश बघेल हैं जो 10 जनपथ के आगे छत्तीसगढ़ का सिर हर रोज नवा देते हैं।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बताएं कि आखिर क्या वजह है कि उन्हें कृषि विश्वविद्यालय में तो छत्तीसगढ़िया कुलपति चाहिए होता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ का राज्यसभा सांसद नहीं चाहिए होता है। पिछली बार तुलसी को कांग्रेस के राष्ट्रीय दामाद के लिए वकालतनामा की फीस के तौर पर राज्यसभा भेज दिया गया और वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का अपमान किया गया।
क्या यही भूपेश बघेल का छत्तीसगढ़ प्रेम है ? इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ने लगातार कहा कि छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में छत्तीसगढ़ के लोगों को ही भेजना चाहिए तब कांग्रेस कह रही थी कि भाजपा को इस बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है। क्यों नहीं है ? क्या राज्यसभा की सीटें 10 जनपद की हैं या छत्तीसगढ़ की हैं ? छत्तीसगढ़ के किसी भी मामले में भारतीय जनता पार्टी और छत्तीसगढ़ का एक-एक नागरिक बोलने का पूरा अधिकार रखता है लेकिन छत्तीसगढ़ के बारे में बोलने का, छत्तीसगढ़ के हक की बात करने का अधिकार यदि कोई नहीं रखता है तो 10 जनपद के दरबार में घुटने टेकने वाले भूपेश बघेल नहीं रखते हैं, जिन्होंने यह साबित कर दिया है कि 10 जनपद जो चाहेगा छत्तीसगढ़ में वही होगा। लेकिन ऐसा चलने वाला नहीं है। छत्तीसगढ़ की जनता आंख में पट्टी बांधकर बैठने वाली नहीं है। भूपेश बघेल 10 जनपद में कितना भी समर्पण कर दें लेकिन छत्तीसगढ़ का सिर सिर्फ देश के स्वाभिमान के लिए झुक सकता है। देश के लिए झुक सकता है, किसी कांग्रेसी सल्तनत की सुल्तान के आगे कभी नहीं झुकेगा।