केंद्र की मोदी सरकार के 8 साल पूरा होने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय ने ली जशपुर जिला मुख्यालय में प्रेस वार्ता : सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण को बताया केंद्र की भाजपा सरकार का मूलमंत्र

Advertisements
Advertisements

केंद्र की मोदी सरकार के आठ वर्ष की स्वर्णिम यात्रा को सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के वर्ष बताकर युगपरिवर्तनकारी इस यात्रा के निरंतर जारी रहने का दिया सन्देश

कॉंग्रेस की सरकार पर जशपुर जिला को अपनी प्राथमिकता में न रखने का लगाया आरोप

जिले के आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता पर जताई आपत्ति

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जिला भाजपा कार्यालय जशपुर में केंद्र की मोदी सरकार के 8 साल पूरा होने पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय के मुख्य आतिथ्य में बिलासपुर संभाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय, जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनि भगत एवं जिला भाजपाध्यक्ष रोहित साय की उपस्थिति में एक प्रेस वार्ता अयोजित की गई। प्रेस वार्ता में प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णु देव साय ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने शानदार, ऐतिहासिक 8 वर्ष पूरे किये हैं। इस  कहा जा सकता है। मोदी जी के नेतृत्व में युगपरिवर्तनकारी यह यात्रा अहर्निश जारी है।

अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर आज छत्तीसगढ़ बने लगभग 22 वर्षों में यही देखा गया है कि राज्य की कॉंग्रेस की सरकार ने जशपुर जिला को अपनी प्राथमिकता में कभी नहीं रखा। कॉंग्रेस को जशपूर के लोगों से केवल वोट चाहिए, लेकिन जशपुरवासियों के दुःख तकलीफ को समझने, क्षेत्र का विकास करने में उनकी कोई रुचि नहीं है, तभी तो जिले के तीनों विधायक कॉंग्रेस के होने के बावजूद विकास के काम को प्रशासनिक प्रक्रिया का बहाना बनाकर अटकाने का प्रयास किया जा रहा है।

कॉंग्रेस की सरकार की इस जशपुर विरोधी मानसिकता के साथ अविभाजित मध्यप्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता संघर्ष करते रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, बिलासपुर सम्भाग संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय, सांसद श्रीमती गोमती साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रायमुनी भगत, जिला भाजपा अध्यक्ष रोहित साय सहित सभी कार्यकर्ताओं ने पिछले साढ़े तीन सालों से लगातार भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कॉंग्रेस की सरकार की जशपुर विरोधी मानसिकता के साथ संघर्ष किया है और यह अनवरत जारी है। इस अनवरत संघर्ष के कारण ही जशपुर से सन्ना मार्ग में हर्रापाठ से सोनक्यारी सरडीह तक के सड़क मार्ग निर्माण की टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ हो सकी है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जशपुर से सन्ना सड़क मार्ग स्वीकृत हुआ था, निर्माण कार्य प्रारंभ भी हो गया था, लेकिन प्रदेश में सरकार बदल जाने से जशपुर फिर से उपेक्षा का शिकार हो गया और टेंडर प्रक्रिया के लिए ही सरकार ने अपने लगभग साढ़े तीन साल लगा दिए। अब अगर इस सड़क के निर्माण कार्य में और देरी करने के लिए प्रशासनिक बहानेबाजी की जाएगी, तो भाजपा के कार्यकर्ता आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।

जिला भाजपा कार्यालय जशपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय और बिलासपुर सम्भाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय ने उक्त जानकारी देते हुए यह भी कहा कि जशपुर विरोधी सरकार की मानसिकता का एक और उदाहरण जिले के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का भी है। जिला मुख्यालय जशपुर को छोड़कर शेष 7 अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पिछला शिक्षा सत्र बिना शिक्षकों के ही बीत गया। सरकार केवल अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के नाम पर वाहवाही लेना चाहती है, स्कूलों के गुणवत्ताहीन जीर्णोद्धार कार्य और सामग्री आपूर्ति में उनकी रुचि है। प्राथमिकता में बच्चों की पढ़ाई के लिए योग्य शिक्षक की उपलब्धता नहीं है, बल्कि प्राथमिकता में हैं चहेते ठेकेदार, चहेते आपूर्तिकर्ता और चहेते शिक्षक। चहेते शिक्षकों की नियुक्ति करने के लिए ही जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शैक्षणिक प्रमाणपत्रों, अंकसूचियों के न्यूनतम आर्हता अंक के बजाय साक्षात्कार में 10 अंक में से 5 अंक प्राप्त करना अनिवार्य किया है। किसी भी सरकारी पदों में नियुक्ति के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित की जाती है, परन्तु जशपुर जिले के आत्मानन्द इंग्लिश माध्यम स्कूलों में भर्ती के लिए साक्षात्कार में न्यूनतम 50% अंक निर्धारित किया गया है, क्योंकि साक्षात्कार के अंकों को लेकर किसी तरह से दावा नहीं किया जा सकता है। इस नियम की आड़ लेकर योग्य और मेरिट वाले अभ्यर्थियों के बजाय चहेतों की प्रावीण्य सूची जारी की गई।

भ्यर्थियों ने प्रक्रिया में कई दोषों की जानकारी दी है, जो इस प्रकार है-

1. चयन के लिए न्यूनतम साक्षात्कार अंक आवश्यक है, न कि न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता। इस नियम के द्वारा कई उच्च शैक्षणिक अहर्ता वाले अभ्यर्थी को अपात्र घोषित कर दिया गया।

2. अंग्रेजी माध्यम के लिए शिक्षक की नियुक्ति के लिए हुए साक्षात्कार में अधिकांश सवाल हिंदी में पूछे गए। विषय से सम्बंधित सवालों को हिंदी में पूछने से उन्हें जवाब देने में परेशानी हुई। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि हिंदी माध्यम से पढ़े विषय विशेषज्ञों ने अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक के चयन प्रक्रिया में भाग लिया।

3. इस नियुक्ति के लिए चयन सूची सार्वजनिक नहीं की गयी। जिले के एन आई सी की वेबसाइट में अपलोड भी नहीं किया गया। हद तो यह है कि  जिला शिक्षा अधिकारी के चहेते  कार्यालय के कर्मचारियों  ने अभ्यथियों को फोन करके अपने कार्यालय बुलाया और कार्यालयीन समय के बाद नियुक्ति आदेश देकर आधे घण्टे के अंदर कार्यभार ग्रहण करवाया। यह घटना नियुक्ति प्रक्रिया के दोषपूर्ण होने के दावे को और पुष्ट करती है। सामान्यतः नियुक्ति प्रक्रिया में  प्रावीण्य सूची जारी होने के बाद दावा आपत्ति का अवसर प्रदान किया जाता है। दावा आपत्ति के निराकरण के पश्चात चयन सूची जारी कर नियुक्ति आदेश पृथक से प्रसारित किया जाता है।

4. जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में लिपिक के बजाय डाटा एंट्री ऑपरेटर को आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया का शाखा प्रभारी बनाया गया है, जो समझ के परे है। उल्लेखनीय है कि यही डाटा एंट्री ऑपरेटर पिछले साल की अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की दोषपूर्ण भर्ती प्रक्रिया का भी प्रभारी था।

5. 2 जून 2022 को जशपुर के स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर के अनुसार आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पिछले साल की भर्ती को लेकर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगाई थी,  याचिका के निराकरण के पहले ही जिला के शिक्षा विभाग ने उन्हीं स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से की, जिस पर माननीय न्यायालय के द्वारा जारी नोटिस को पहले तो जिला शिक्षा अधिकारी ने फेक दिया, फिर बाद में दबाव पड़ने पर लिया। यह घटना भी पूरी भर्ती प्रक्रिया के दोषपूर्ण होने को पुष्ट करती है।

6.आत्मानन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में लगभग 250 विभिन्न पदों के लिये आवेदन मंगाए गए थे, जिसमें करोड़ो के लेनदेन की खबर है।

7. शिक्षक संगठन से जुड़े लोगों ने भी हमें अवगत कराया है कि आत्मानंद स्कूलों में नियमित शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति में भी चहेतों को प्राथमिकता दी गयी न कि योग्यता को।

उपर्युक्त परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग करती है कि जिले के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बन्द करें। माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों  का कानून के जानकारों से अध्ययन करा लेवें, यदि माननीय उच्च न्यायालय ने बगीचा को छोड़कर शेष विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है, तो इस दोषपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया को तत्काल निरस्त करें और इस दोषपूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया में जिला शिक्षा अधिकारी और शाखा प्रभारी को निलंबित कर न्यायिक जांच संस्थित करें। एक पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया के साथ शीघ्र शिक्षकों की नियुक्ति पूरी की जाए, जिससे की बच्चों की पढ़ाई शुरु हो सके। यदि माननीय उच्च न्यायालय ने नियुक्ति प्रक्रिया ने रोक लगाई थी, तो सरकार का धन, समय व्यर्थ करने और रोजगार की आशा लिए अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ करने वाले के विरुद्ध कठोर न्यायिक कार्यवाही की जाए, साथ ही प्रदेश सरकार न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत कर प्रकरण को शीघ्र निराकृत करने के लिए पहल करे। इसके साथ ही जिले के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में  प्रतिनियुक्ति पर गए शिक्षकों के चयन को निरस्त करने और एक पारदर्शी प्रक्रिया के अंतर्गत शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर चयन की भी भारतीय जनता पार्टी मांग करती है।

प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से प्रदेश भाजपाध्यक्ष विष्णु देव साय, पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय, जिला पंचायत अध्यक्ष रायमुनी भगत, पूर्व विधायक राजशरण भगत,  जिला भाजपाध्यक्ष रोहित साय, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य नरेश नंदे, जिला महामंत्री ओमप्रकाश सिन्हा, जिला उपाध्यक्ष भरत सिंह एवं रूपेश सोनी,  जिला पंचायत उपाध्यक्ष उपेन्द्र यादव, नगरपालिका उपाध्यक्ष राजू गुप्ता, जिला मंत्री देवधन नायक, मीडिया प्रभारी फैज़ान सरवर खान,  नितिन राय, दीपक अंधारे, शरद चौरसिया, गोविंद राम भगत, डीडीसी लालदेव भगत, डीडीसी शांति भगत, मैनेजर राम, दीपक चौहान, राजकपूर भगत, सज्जू खान, अरविंद भगत, कृपा शंकर भगत, दीपक गुप्ता, गंगा भगत, अभिषेक मिश्रा, गणेश गुप्ता, पिंकी लकड़ा,  गणेश साहू, श्यामलाल भगत, रविन्द्र पाठक, सतीष मिंज, विकास प्रधान, अनुज भगत, सतीश वर्मा एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!