‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को पूरा कर रही छत्तीसगढ़ सरकार

June 6, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ की पहचान बीते साढ़े तीन साल के दरम्यान ग्रामीणों और किसानों के साथ न्याय करने वाले राज्य के रूप में कायम हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ‘न्याय सब्बो बर-सब्बो डहर’ के ध्येय को लेकर योजनाएं लागू की जा रही हैं और उनका क्रियान्वयन भी तेजी से किया जा रहा है। राज्य के ग्रामीणों, किसानों, मजदूरों, गरीबों और महिलाओं के हितों की रक्षा और उन्हें सीधे-सीधे लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने जो फैसले लिए हैं। इसकी वजह से किसान, मजदूर और ग्रामीणों के जीवन में खुशहाली का नया दौर शुरू हो गया है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते साढ़े तीन साल में अपनी नीतियों से ग्रामीण और किसानों को न सिर्फ सम्मान से जीने का अवसर उपलब्ध कराया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई गति दी है। वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की यही रणनीति छत्तीसगढ़ के विकास का मॉडल है, जिसकी आज पूरे देश में चर्चा हो रही है। गौरतलब है कि विभिन्न वर्गों के लिए ‘न्याय’ की कड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य में गरीब ग्रामीण भूमिहीन परिवारों को सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के नाम से “राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना” शुरू की गई। इस योजना का शुभारंभ 3 फरवरी 2022 को सांसद श्री राहुल गांधी ने किया था। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में योजना के शुभारंभ मौके पर आयोजित भव्य समारोह में राज्य सरकार द्वारा योजना के तहत पात्र 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण किया गया था। तब राज्य सरकार ने हितग्राही परिवार को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने का प्रावधान किया था, जिसे वित्तीय वर्ष 2022-23 से 7 हजार रुपये कर दिया गया है। हितग्राहियों को वर्ष 2022-23 की प्रथम किश्त के रूप में 71 करोड़ 8 लाख 4 हजार रुपए की राशि जारी भी कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के जरिए समाज के उन परिवारों को सीधी मदद मिल रही है, जिनका जीवन-यापन खेतिहर मजदूर के रूप में होने वाली आय पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत लगभग 3 लाख 55 हजार 402 ऐसे परिवार पंजीकृत हुए हैं, जिनके पास कृषि भूमि नहीं है और वह मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं। ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, मांझी, चालकी, गायता, सिरहा, पुजारी, गुनिया और पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र हैं। भूमिहीन परिवारों को लाभान्वित करने की छत्तीसगढ़ सरकार की यह अभिनव योजना है। इस तरह की योजना देश के अन्य राज्यों में कहीं नहीं है।