सामुदायिक बाड़ी से जुड़कर जशपुर जिले की मॉडल गौठान रजौटी के चम्पा स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक रूप से बन रही है सम्बल, 1 लाख 35 हजार प्राप्त कर चुके आमदनी

महिलाओं ने आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन का जताया आभार

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुर जिले में गौठान के माध्यम से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने विभिन्न प्रकार के आजीविका मूलक योजनाओं से जोड़ा जा रहै। जिससे वे आत्मनिर्भर बन सके और अपने परिवार की आर्थिक मदद प्रदान कर सके। इसी कड़ी में कांसाबेल के मॉडल गोठान ग्राम रजौटी  गौठान की चम्पा स्व-सहायता समूह की महिलाएं मल्टीएक्टीविटी के तहत गोठान की उपलब्ध भूमि में सामुदायिक बाड़ी में सब्जी उत्पादन कार्य हेतु 0.400 हे. भूमि का चयन किया गया।  जिसमें जिला प्रशासन के सहयोग से ड्रीप सिस्टम लगाया गया है।

समूह की महिलाओं ने बताया कि सामुदायिक बाड़ी में सब्जी उत्पादन के लिये उद्यान विभाग एवं एनआरएलएम विभाग द्वारा उचित मार्गदर्शन किया गया। समुह के सदस्यों द्वारा सब्जी एवं मसाला उत्पादन कार्य हेतु उद्यान विभाग एवं एनआरएलएम विभाग द्वारा दिये गये तकनिकी सलाह अनुसार उन्नत विधियों ड्रीप सिस्टम, मल्चिंग का उपयोग करते हुये सब्जी उत्पादन कार्य किया जा रहा है। सामुदायिक बाड़ी में लगाये गये सब्जी का विक्रय स्थानीय बाजार में कर रहे है एवं मसाला हेतु हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर उत्पादन करके जिला में स्थापित सी-मार्ट हेतु मांग अनुसार मसालों की आपूर्ति कर रहे है।

उन्होंने बताया कि सामुदायिक बाड़ी में गौठान की भूमि पर सब्जी एवं मसाला उत्पादन कार्य हेतु टमाटर, बैंगन, मिर्च, कद्दूवर्गीय, आलू, हल्दी, प्याज, भिण्डी, धनिया, अदरक एवं सब्जी का रोपण किया गया। जिसमें समूह को 20 हजार की लागत आई।  उन्होंने बताया कि बाड़ी में सब्जियों का उत्पादन अच्छा हुआ है। जिससे अब तक उन्होंने 1 लाख 35 हजार रुपए की राषि  प्राप्त हुई है। साथ ही उन्होंने कहा कि सामुदायिक बाड़ी से आय प्राप्त करने के अतिरिक्त समूह के सदस्य गौठान में अन्य मल्टीएक्टीविटी से अतिरिक्त आय प्राप्त कर रहे है।

स्थानीय बाजारों में ताजा सब्जियांे की मांग भी अधिक होती है जिससे उनके सब्जियां आसानी से विक्रय हो जाते है। समूह की महिलाओं ने कहा कि बाजारों में सब्जियों की मांग को देखते हुए वे और भी अन्य सब्जियों का उत्पादन करेंगें। जिससे उनके समूह को आर्थिक रूप से अधिक लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि सब्जी उत्पादन के लिए उन्हें प्रषासन के माध्यम से प्रषिक्षण भी प्रदान किया गया। जिसका उन्हें अच्छा लाभ मिला है। 

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