विधिक सेवा शिविर में दी गई घरेलू हिंसा की जानकारी

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, अम्बिकापुर

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अम्बिकापुर के सचिव अमित जिंदल के निर्देश में पैरालीगल वालेंटियर मोना सोनी द्वारा सोमवार को बिलासपुर चौक, इंदिरा गांधी वार्ड, अधिकापुर में विधिक सेवा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विभिन्न घरेलू हिंसा एवं घरेलू हिंसा करने वाले पर दण्ड के प्रावधान के बारे में जानकारी दी गई।

शिविर में नागरिकों को घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि घरेलू हिंसा में प्रत्यर्थी के कार्य से पीड़िता के स्वास्थ्य, सुरक्षा, जीवन, अंग की या चाहे उसकी मानसिक या शारीरिक भलाई की अपहानि या उसे कोई क्षति या ऐसा संकट होता है या उसके साथ अपमान, उपहास, तिरस्कार गाली और विशेष रूप से सतान या नर बालक के न होने के संबंध में अपमान या उपहास किया जाता है या उसे किसी चीज से जिसकी वह विधिपूर्ण रूप से हकदार है उससे वंचित किया जाता है तो उक्त कृत्य घरेलू हिंसा की परिधि में आएगा।

पैरालीगल वालेंटियर मोना सोनी ने छत्तीसगढ़ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम के बारे में बताते हुए कहा कि धारा 5 के अनुसार जो कोई टोनही के रूप में पहचानी गयी किसी महिला को शारिरिक या मानसिक रूप से क्षति पहुचाएगा तो वह जुर्माने सहित 5 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डनीय होगा तथा छत्तीसगढ़ दोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 2005 की धारा 6 के अनुसार जो कोई यह दावा करता है कि वह टोनही के रूप में पहचानी गयी किसी महिला का झाड फूंक आदि से ईलाज कर सकता है तो वह जुर्माने सहित 5 वर्ग के कठोर कारावास से दण्डनीय होगा तथा छत्तीसगढ़ टोनही प्रताडना निवारण अधिनियम 2005 की धारा 7 के अनुसार जो कोई टोनही के रूप में किसी प्रकार की क्षति कारित करने की शक्ति रखने का दावा करता है तो वह जुर्माने सहित 1 वर्ष के कठोर कारावास से दण्डनीय होगा।

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