राज्य शासन के कर्मचारियों को छठवें वेतन में दिया जा रहा है गृहभाड़ा भत्ता,आखिर क्यों ? – फेडरेशन

July 16, 2022 Off By Samdarshi News

कर्मचारियों को वास्तविक वेतन भत्तों का भुगतान नहीं हो रहा है – फेडरेशन

 राज्य सरकार ने सातवे वेतनमान के मूलवेतन में 7% और 10 % एच आर ए देना भी मुनासिब नहीं समझा – फेडरेशन

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ में 1 जुलाई 2017 से  सातवाँ वेतनमान अनुसार वेतन का लाभ मिलना प्रारंभ हो गया था।लेकिन राज्य के कर्मचारियों को आज भी छठवें वेतनमान के वेतन पर गृहभाड़ा भत्ता 10 % एवं 7 % के पुराने दर पर मिल रहा है। गौरतलब है कि केंद्रीय कर्मचारियों को शहरों के वर्गीकरण के आधार पर सातवे वेतनमान में 1 जुलाई 17 से मूलवेतन का क्रमशः 24 %,16 % तथा 8% एवं 1 जुलाई 21 से 27 %,18% तथा 9 % गृहभाड़ा भत्ता मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,जशपुर जिला अध्यक्ष विनोद गुप्ता एवं महामंत्री संजीव शर्मा , उपाध्यक्ष  सरीन राज , एलन साहू  ने कर्मचारियों को गृहभाड़ा भत्ता स्वीकृति के मामले में बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि 1 जनवरी 16 से सातवाँ वेतनमान लागू हुआ था। लेकिन 1 जनवरी 16 से 30 जून 22 तक 78 माह में राज्य सरकार के द्वारा कर्मचारियों को छटवे वेतनमान के मूलवेतन पर ही गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है। जोकि न्यायसंगत नहीं है।

उन्होंने सातवे वेतन के तत्सस्थानी छटवे वेतन में कर्मचारियों को 1 जनवरी 16 से 30 जून 22 तक 78 माह में हुए नियुनतम नुकसान के गणना का जानकारी दिया है। उन्होंने बताया कि सातवे वेतनमान के पे-मैट्रिक्स में ₹ 1300 ग्रेड पे का प्रारंभिक वेतन ₹15600 का 7 % ₹1092 तथा 10% ₹ 1560 गृहभाड़ा भत्ता (एच आर ए) बनता है। लेकिन राज्य शासन द्वारा सातवे वेतन का तत्सस्थानी छठवाँ वेतन ₹ 6070 पर 7 % ₹ 425 तथा 10 % ₹ 607 दिया गया है। जिसके कारण प्रत्येक माह अंतर की राशि क्रमशः ₹ 667 तथा ₹ 953 है। जोकि 78 माह में क्रमशः ₹ 52026 तथा ₹ 74334 का नुकसान चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को भुगतना पड़ा है।

नुकसान के इसी कड़ी में ग्रेड पे ₹1900 का 7 वाँ ₹19500 का 7 % ₹ 1365 एवं 10 % ₹ 1950 के स्थान पर तत्सस्थानी 6 वाँ ₹ 7588 में 7 % ₹ 531 एवं 10 % ₹ 759 एच आर ए देने से प्रतिमाह ₹ 834 एवं ₹ 1191 जोकि 78 माह में ₹ 65052 एवं ₹ 92898 का नुकसान तृतीय वर्ग के कर्मचारियों को हुआ है।

ग्रेड पे ₹ 2400 का 7 वाँ ₹ 25300 में क्रमशः 7 % ₹ 1771 एवं 10% ₹ 2530 मिलना था। जोकि 6 वाँ ₹ 9844 में 7 %  ₹ 689 एवं ₹ 10% 984 दिया गया है। प्रतिमाह ₹ 1082 एवं ₹ 1546 जोकि 78 माह में ₹ 84396 एवं ₹ 120588 का नुकसान तृतीय वर्ग कर्मचारियों का बड़ा अमला को  हुआ है।

ग्रेड पे ₹ 4200 का 7 वाँ ₹ 35400 में 7 % ₹ 2478 एवं 10 % ₹ 3540 मिलना था जोकि 6 वाँ ₹ 13774 पर 7% ₹ 964 एवं 10 % ₹ 1377 दिया गया है। प्रत्येक माह ₹ 1514 एवं ₹ 2163 तथा 78 माह में ₹ 118092 एवं ₹ 168714 का नुकसान हुआ है।

ग्रेड पे ₹ 4300 का 7 वाँ ₹ 38100 में 7 % ₹ 2667 एवं 10 % ₹ 3810 मिलना था।जोकि 6 वाँ ₹ 14825 पर 7% ₹ 1038 एवं 10 % ₹ 1483 दिया गया है। प्रत्येक माह ₹ 1629 एवं ₹ 2327 तथा 78 माह में ₹ 127062 एवं ₹ 181506 का नुकसान हुआ है।

ग्रेड पे ₹ 5400 का 7 वाँ ₹ 56100 में 7 % ₹ 3927 एवं 10 % ₹ 5610 मिलना था। जोकि 6 वाँ ₹ 21829 पर 7% ₹ 1528 एवं 10 % ₹ 2183 दिया गया है। प्रत्येक माह ₹ 2399 एवं ₹ 3427 तथा 78 माह में ₹ 187122 एवं ₹ 267306 का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्य कर्मचारी-कर्मचारियों को 6 वाँ ग्रेड पे के अनुसार 7 वाँ वेतनमान के 17 लेवल अनुसार वेतन भुगतान हो रहा है। गृहभाड़ा भत्ता में नुकसान कर्मचारी अधिकारी के वेतन के अनुपात में हुआ है।जिसका जितना वेतन उसका उतना अधिक नुकसान हुआ है।