जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है, युवाओं को गाईड के लिए कौशल विकास से प्रशिक्षण दिया जाएगा
October 9, 2021सभी विकासखंडों में गढ़कलेवा बनाकर स्थानीय स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराएं
समदर्शी न्यूज ब्यूरो
जशपुर. कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने आज कलेक्टर सभाकक्ष में जशपुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन क्षेत्रों को विकसित करने के लिए वन विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। वनमण्डलाधिकारी कृष्ण जाधव ने जिले के चिन्हांकित पर्यटन स्थलों की जानकारी दी। कलेक्टर ने कहा कि जिले में पर्यटन के क्षेत्र में अधिक संभावनाएं है साथ ही जशपुर जिले का वातावरण प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है।
यहां पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने सभी विकासखंडों में स्थानीय स्व सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए गढ़कलेवा बनाने के लिए कहा है ताकि महिलाएं जशपुर जिले की स्थानीय व्यंजन का विक्रय करके आर्थिक लाभ प्राप्त कर सके। जशपुर जिले में पर्यटन के क्षेत्र में देशदेखा, रानीदाह, दनगरी, मयाली डेम, गुल्लू फॉल, पंचक्की, नीचघाट, मधेश्वर पहाड़, मकरभंजा, खुड़िया रानी, कैलाश गुफा, राजपूरी फॉल को भी विकसित किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने वन विभाग को प्रस्ताव बनाकर देने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने सभी जनपद सीईओ को अपने-अपने क्षेत्र के युवा लड़कों को गाईड के लिए चिन्हांकन करने के निर्देश दिए है। ताकि बाहर से आने वाले लोगों को जशपुर के पर्यटन क्षेत्र की जानकारी उनके माध्यम से दी जा सके। उन्होंने कहा कि कौशल विकास योजना से युवाओं को गाईड के लिए प्रशिक्षण देने की योजना भी तैयार की जा रही है।
वनमण्डलाधिकारी ने बताया कि जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा, बिरहोर परिवार के लोग भी निवास करते है। उनकी संस्कृति सभ्यता और जशपुर जिले के पुरातत्व को भी आगे बढ़ाया जा सकता है। जशपुर में ऊंचे-ऊंचे पहाड़ होने से यहां ट्रेकिंग की भी संभावना है। बालाछापर में बनाए गए रिसोर्ट के अंदर दुकान को भी समूह को आबंटित करने कहा है कि ताकि महिलाएं अपने हाथों से बनाए गए सामग्री का भी विक्रय कर सके। उन्होंने रिसोर्ट में जशपुर की कला संस्कृति से संबंधित गतिविधियां भी संचालित करने के लिए कहा है।