प्रदेश में पंचायत राज व्यवस्था को बर्बाद करने में तुली है भूपेश सरकार : श्रीमती गोमती साय

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ में पंचायती राज व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। स्थिति कितनी गंभीर है,इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में पहली बार पंचायतों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को हड़ताल में बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा है। किसी भी सरकार के लिए इससे शर्मानाक बात और क्या हो सकती है। लोकसभा सदस्य श्रीमती गोमती साय ने कांग्रेस पर आक्रमण करते हुए उक्त बातें कही। सांसद श्रीमती साय,भाजपा के जिला कार्यसमिति की बैठक में शामिल होने के लिए जशपुर पहुंची थीं। इस दौरान वे 13 सूत्रिय मांगों को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालिन हड़ताल में बैठे सरपंचों से मिलने के लिए रणजीता स्टेडियम के पास स्थित धरना स्थल पर पहुंची थी। उनके साथ पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय,बिलसपुर संभाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय,जिला पंचायत जशपुर की अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत,यश प्रताप सिंह जूदेव,जनपद पंचायत जशपुर की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती शारदा प्रधान सहित भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

आंदोलनरत सरपंचों ने सांसद को बताया कि 15 वें वित्त की राशि,जिसे केन्द्र सरकार,पंचायतों में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए प्रदान करती है,का खुला दुरूपयोग किया जा रहा है। पहले इसकी पूरी राशि पंचायतों के खाते में पहुंचती थी। अब इसकी आधी राशि को जिला में रोक लिया जा रहा है। जो राशि पंचायतों के खाते में आ रही है,उस पर भी अधिकारी दबाव पूर्वक काम करा रहें है। सरपंचों का कहना था कि मनरेगा की राशि का उपयोग गोठानों में किया जा रहा है। नल जल योजना में बिना प्रस्ताव और कार्य स्वीकृति के प्रशासन द्वारा काम कराया जा रहा है। इससे सरपंचों पर लाखों रूपए का ऋण चढ़ गया है। स्थिति इतनी बुरी हो गए है कि पंचायत प्रतिनिधियों को नीजि जरूरतों के लिए व्यापारी समान देने के लिए तैयार नहीं है। पीएम आवास योजना,सामाजिक पेंशन योजना की अनियमित भुगतान ओैर स्वीकृति न मिलने के कारण सरपंचों को रोज अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। सरपंचों की समस्या के लिए सीधे भूपेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सांसद ने कहा कि भूपेश सरकार पूरी तरह से दलालों के चुंगल में फंस गई है। पंचायतों में बल्ब तक की आपूर्ति कांग्रेसी दलालों द्वारा किया जा रहा है और सरपंचों पर दबाव डाल कर भुगतान कराया जा रहा है। जो सरपंच उनकी बात नहीं मान रहें हैं उन्हें धारा 40 का अवैध प्रयोग कर,हटाया जा रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रायमुनि भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की नरूवां,गरूवा,घुरूवा और बाड़ी योजना ने प्रदेश की अर्थ तंत्र के साथ पंचायती राज व्यवस्था को भी बर्बादी के कगार पर ला कर खड़ा कर दिया है। सही समय आने पर जनता इसका जवाब कांग्रेस को जरूर देगी।

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