पारिवारिक कलह से नाराज होकर 8 माह के पुत्र की कर दी हत्या : अपर सत्र न्यायाधीश जशपुर के न्यायालय नें आरोपिया को दिया आजीवन सश्रम कारावास, लगाया अर्थदण्ड भी….पढ़ें पूरी ख़बर

पारिवारिक कलह से नाराज होकर 8 माह के पुत्र की कर दी हत्या : अपर सत्र न्यायाधीश जशपुर के न्यायालय नें आरोपिया को दिया आजीवन सश्रम कारावास, लगाया अर्थदण्ड भी….पढ़ें पूरी ख़बर

September 12, 2022 Off By Samdarshi News

थाना सिटी कोतवाली जशपुर के अप.क्र. 195/2020 धारा 302, 201 भा.द.वि. के प्रकरण में अपर सत्र न्यायाधीश जशपुर के.पी. सिंह भदौरिया ने आरोपिया सुधा कुजूर के विरूद्ध आजीवन सश्रम कारावास का आदेश पारित किया

माननीय न्यायालय द्वारा आरोपिया सुधा कुजूर को भा.दं.सं. की धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 हजार रू. अर्थदण्ड, अर्थदण्ड नहीं दिये जाने पर छः माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास, भा.दं.सं. की धारा 201 में 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं 05 हजार रू. अर्थदण्ड, अर्थदण्ड नहीं दिये जाने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास के दण्ड से दण्डित किया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि आरोपिया सुधा कुजूर उम्र 20 साल ने दिनांक 07.09.2020 को प्रातः 10 बजे अपने ससुराल से पति एवं अन्य सदस्यों से पारिवारिक कलह होने पर नाराज होकर ग्राम सारूडीह स्थित पनचक्की नाला (सिटी कोतवाली जशपुर क्षेत्रांतर्गत) के पास आकर गुस्से में अपने 08 माह के पुत्र की हत्या कर दी तथा उसके शव को नाला में गमछा सहित फेंक दी, उसके बाद अपने मायके जाकर अपने पुत्र को शौच कराते समय फिसलकर नाला में गिर जाना बताई। थाना जशपुर द्वारा मर्ग कायम कर शव पंचनामा पश्चात् पी.एम. कराया गया। पी.एम. रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतक की मृत्यू सिर में चोंट लगने से एवं हड्डी में फ्रैक्चर होने का कारण बताया तथा मृतक की मृत्यू पानी में डूबने से पहले ही हो जाना बताया। उक्त रिपोर्ट पर थाना जशपुर में अप.क्र. 195/2020 धारा 302, 201 भा.द.वि. पंजीबद्ध कर आरोपिया सुधा कुजूर को गिरफ्तार कर आवश्यक विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया।

श्री के.पी. सिंह भदौरिया अपर सत्र न्यायाधीश जशपुर द्वारा दिनांक 06.09.2022 को आदेश पारित किया गया कि अभियोजन साक्ष्य की विवेचना से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर आरोपिया के विरूद्ध धारा धारा 302, 201 भा.द.वि. का आरोप सिद्धदोष ठहराते हुये भा.दं.सं. की धारा 302 में आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 हजार रू. अर्थदण्ड, अर्थदण्ड नहीं दिये जाने पर छः माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास, भा.दं.सं. की धारा 201 में 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं 05 हजार रू. अर्थदण्ड, अर्थदण्ड नहीं दिये जाने पर तीन माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास के दण्ड से दण्डित किया गया है।

उक्त प्रकरण में राज्य की ओर से श्री एस.के.सोनी लोक अभियोजक रहे एवं अभियुक्त की ओर से श्री रामप्रकाश पाण्डेय अधिवक्ता रहे।