समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक लेकर आयुष्मान कार्ड, टीकाकरण, गोबर खरीदी, खाद बनाने की प्रगति, गिरदावरी के कार्य, गौठानों में मल्टीएक्टीविटी, राजस्व के लंबित प्रकरण, टीएल के लंबित प्रकरण सहित अन्य योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेन्द्र यादव, सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और सभी विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर ने राजस्व विभाग, कृषि विभाग के टीम को गिरदावरी का कार्य किसानों के खेतों में जाकर करने के निर्देश दिए हैं और वास्तवित गिरदावरी करने के लिए कहा है। आधार सिडिंग कार्य में भी प्रगति लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपद सीईओ और नगरीय निकाय के अधिकारियों से गोबर खरीदी, खाद बनाने तथा खाद उठाव की स्थिति की जानकारी ली और सहकारिता विभाग के माध्यम से किसानों को वर्मी कम्पोस्ट खाद उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
कलेक्टर ने राजस्व से संबंधित प्रकरण बटांकन, सीमांकन, नामान्तरण, आय-जाति, निवास, अविवादित के प्रकरणों को भी समय-सीमा का ध्यान रखते हुए निराकरण करने के निर्देश दिए हैं साथ ही आर बी सी 6-4 के तहत् प्रभावित परिवारों को भी पात्रता के आधार पर मुवाजा राशि देने के निर्देश दिए हैं। गौठानों में मल्टीएक्टीविटी के तहत् समूह को सक्रिय रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों का सीएमओ भ्रमण करें और हितग्राहियों से योजनाओं का फीडबैंक लेते रहें।
कलेक्टर ने सी-मार्ट संचालन के सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि कुनकुरी-बगीचा सहित अन्य विकासखंडों में सी-मार्ट के संचालन हेतु भवन तैयार किया जा रहा है। जल्द ही अन्य विकासखण्डों में सी-मार्ट का संचालन प्रारंभ किया जाएगा।
कलेक्टर ने किसानों का केसीसी बनाकर योजना लाभ देने के लिए कहा गया है। रेशम विभाग के अधिकारियों को गौठानों में स्व सहायता समूह की महिलाओं को टसर धागाकरण कार्य से जोड़ने के निर्देश दिए हैं ताकि महिलाएं अन्य गतिविधियों में भी शामिल हो सकें। स्कूली बच्चों की जाति प्रमाण-पत्र प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी चिन्हांकित बच्चों का शत्प्रतिशत जाति प्रमाण-पत्र बनाने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने जिले के सभी स्वास्थ्य, उप स्वास्थ्य केद्रों के साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में शिशु संरक्षण माह के अंतर्गत 6 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को आयरन फोलिक एसिड का सीरप एवं 09 माह आयु वर्ग से लेकर पांच आयु वर्ष के सभी पात्र बच्चों को विटामिन ‘‘ए‘‘ की खुराक देने की बात कही और गर्भवती महिलाओं में एनीमिया व अन्य स्वास्थ्य जांच कर उन्हें आयरन फोलिक एसिड की दवाओं, आयरन की गोलियों का वितरण करने के लिए कहा है।