मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रयासों को मिली बड़ी सफलता – यू.डी. मिंज

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छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति सूची में सम्मिलित करने हेतु केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर संसदीय सचिव यू.डी. मिंज ने प्रगट की प्रसन्नता

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ की 12 जातियों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने हेतु केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने पर संसदीय सचिव यू डी मिंज ने प्रसन्नता व्यक्त की है और अपनी शुभकामनायें प्रेषित की है. इसके लिए आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर आभार व्यक्त करेंगे।

संसदीय सचिव यूडी मिंज ने कहा कि संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजातियों में शामिल कराने के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है, उन्होंने कहा कि विधायकों के लगातार माँग करने पर मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा, जिस पर त्वरित कारवाई करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ के 12 जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 11 फरवरी 2021 को प्रधानमंत्री श्री मोदी को पत्र भेजकर छत्तीसगढ़ की विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया था।

संसदीय सचिव ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के 12 जाति समुदायों को छ.ग.राज्य के अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने हेतु छ ग.शासन, रायपुर द्वारा समय-समय पर जनजातिय कार्य मंत्रालय द्वारा भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। उपरोक्त प्रस्ताव में मात्रात्मक त्रुटि सहित समावेश/संशोधन किये जाने हेतु प्रस्ताव किया गया है। जिसका परीक्षण उपरांत भारत के जनगणना महानिदेशक (RGI ) द्वारा अनुमोदन किया जा चुका है एवं राष्टीय अनुसूचित जनजातिय आयोग (NCST) भारत सरकार नई दिल्ली की बैठक संख्या 122 दिनांक 11.12.2019 को अनुमोदन छ.ग.राज्य के संबंध में भारत के संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अधिसूचित अनुसूचित जनजाति (ST ) की सूची में संशोधन/समावेश कर छ.ग.राज्य में 12 जाति समुदायों को सम्मिलित करने हेतु क्रमश : 1 भारिया, भूमिया ( भूईया, भूईयों. भूवा. भूरया, भिया ) 2. धनवार ( धनुहार, धनुवार ) 3. नगेसिया ( नागासिया ) के समानार्थी किसान 4. सौरा, सवर, सवरा, संवरा 5. धांगड़ 6. विझिया 7. कोड़ाकू, कोडाकू 8. कोंध, कोंद 9. भारिया ( भरिया ) 10. पंडो, पन्डो, पण्डो 11. गोंड ( गोड़ ) 12. गदबा उल्लेखनीय है, मात्रात्मक त्रुटि के कारण छग राज्य के उक्त समुदायों के लगभग 60 लाख लोग अनुसूचित जनजाति को प्राप्त होने वाली संवैधानिक अधिकार के लाभों से वंचित है, साथ ही यह समुदाय पिछले 18 वर्षों से शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, नौकरी, उच्च शिक्षा ( मेडिकल इंजीनियरिंग ) व राजनीतिक अधिकारों के लाभ से वंचित हो रहे है। अब छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति के सूची में उपरोक्त समुदायों को समावेश/संशोधन किये जाने से इन समुदाय के लोगों को लाभ होगा।

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