कोरवाओं की बिमारी से हुई मृत्यु को लेकर प्रबल हुए आक्रामक, जनप्रतिनिधियों पर क्षेत्र की उपेक्षा का लगाया आरोप

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कोरवा जनजाति के संरक्षक प्रबल प्रताप ने कहा शासन और प्रशासन मिलकर लूट रहे हैं जशपुर को, भ्रष्ट अधिकारियों को दी चेतावनी

समदर्शी न्यूज ब्यूरो

जशपुर. जिले के वनांचल में जबसे उल्टी दस्त से राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कोरवाओं की मौत की खबर आयी है उनके संरक्षक प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने शासन और प्रशासन के खिलाफ कड़े तेवर दिखाये है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि जशपुर स्वास्थ्य विभाग के शर्मनाक घोटाला के उजागर होने के उपरांत कोरवाओं की मृत्यु पर प्रशासनिक चुप्पी दर्शाती है कि प्रशासन का उद्देश्य लूट खसोट के अलावा कुछ भी नहीं रह गया है जनता मरती है तो मरे। पहाड़ी कोरवाओं की उल्टी दस्त से इलाज के अभाव में मृत्यु प्रशासनिक लापरवाही की पराकाष्ठा है। उत्तर प्रदेश की चिंता छोड़ें भूपेश जी अपना घर पहले सम्हालें। कहां हैं जनता के शुभचिंतक जनप्रतिनिधि विधायक त्रय अगर उद्घाटन समारोह से फुर्सत मिल जाए तो थोड़ी जनता की भी चिंता कर लें कृपा होगी।

 प्रबल प्रताप का ये कटाक्ष जशपुर की लचर व्यवस्था एवम शासन और प्रशासन की अकर्मण्यता के प्रति उनका आक्रोश हैं। ज्ञात हो कि पिछले कई महीने से जशपुर में घोटालों की बाढ़ आई हुई है पर अभी तक किसी मामले में ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है न ही शासन मुस्तैद दिखाई देता है। कोरोना काल के दौरान उजागर अनियमितता के बाद भी कोई प्रशासनिक कसावट कहीं दिखाई नहीं देती है। इसके उलट साधारण बीमारी से कोरवाओं की मौत प्रशासन की लचर व्यवस्था एवं लापरवाही का प्रत्यक्ष प्रमाण है जबकि प्रशासन के दावो के अनुसार हर गांव के अंतिम व्यक्ति तक सहायता एवं सुविधा पहुंचाई जा रही है।

जिले में सरकारी कर्मचारियों एवम अधिकारियों के स्थानांतरण को उद्योग का दर्जा देने वाली सरकार के जनप्रतिनिधियों पर कटाक्ष करते हुए प्रबल ने कहा कि जशपुर को तो चारागाह बना डाला है जैसे अपने प्रदेश की जनता का ख्याल छोड़कर मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश की चिंता में लगे हैं वैसे ही कुछ जनप्रतिनिधि दूसरों के क्षेत्र की चिंता में व्यस्त है।

हमलोग 15 साल शासन में थे परंतु कभी जशपुर में बदले की भावना से कोई कार्यवाही नहीं की परंतु कांग्रेस सरकार हमारे लोगों को जानबूझकर परेशान करने का काम कर रही है उन्हें याद रखना चाहिए कि बहुत जल्द हम सत्ता में होंगे फिर हमें दोष मत देना। राजनीति में मर्यादा और संयम बहुत जरूरी है जशपुर जनजातीय बहुल क्षेत्र है यहां संवेदनशील पदाधिकारी चाहिए ना कि रसद पहुंचाने वाले लोग। जशपुर जिले में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी एवं अधिकारी का स्वागत है पर याद रहे जशपुर चारागाह नहीं अगर भ्रष्टाचार में संलिप्तता पायी गई तो अंजाम बुरा ही होगा।

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