विश्व गर्भनिरोधक दिवस : “सीमित परिवार सुख का आधार” का दिया गया संदेश, यौन स्वास्थ्य व परिवार नियोजन साधनों का उपयोग करने के लिए भी किया गया प्रेरित

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महिलाओं को बच्चों में अंतर रखने के स्थाई और अस्थाई साधनों की दी गई जानकारी

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, बिलासपुर/रतनपुर

लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या से विकास प्रभावित हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर में सीमित परिवार के महत्व और यौन स्वास्थ्य के प्रति लोगों को प्रेरित करते हुए विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने अनचाहे गर्भ से बचाव के लिए गर्भनिरोधक साधनों के बारे में महिलाओं को जानकारी दी। साथ ही उन्हें यौन स्वास्थ्य व परिवार नियोजन साधनों का उपयोग करने के लिए प्रेरित भी किया।

जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देते हुए रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिमाह 70 के करीब प्रसव हो रहे हैं I प्रसव के उपरांत गर्भवती माताओं तथा आने वाले दंपत्तियों को जच्चा और बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल एवं विकास के साथ ही परिवार नियोजन के लिए अलग से काउंसिलिंग भी की जाती है। इसी कड़ी में सोमवार को यहां आने वाली महिलाओं और दंपत्तियों को अनचाहे गर्भ से छुटकारा दिलाने के लिए अस्थाई और स्थाई गर्भनिरोधक साधनों के बारे में बताया गया। इस मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर की मेडिकल ऑफिसर डॉ. पूनम सिंह ने बताया; “ यौन स्वास्थ्य और परिवार नियोजन में गर्भनिरोधक की अहम् भूमिका होती है, जिसका इस्तेमाल करने के कई लाभ हैंI इससे अनचाहे गर्भ को रोका जा सकता है और जनसंख्या स्थिरीकरण में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों में इंट्रा यूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), अंतरा, कंडोम, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (ओसीपी) और छाया के बारे में भी जानकारी दी।“  उन्होंने आगे बताया: “केन्द्र में यह सेवाएं निःशुल्क दी जा रही हैं। वहीं स्थाई साधन अपनाने( नसबंदी के लिए) के इच्छुक दंपत्तियों को जिला अस्पताल या अन्य केन्द्र जहां पर यह सुविधा उपलब्ध है वहां भेजते हैं। “ इस दौरान केन्द्र आने वाली शिशुवती और गर्भवती माताओं को गर्भनिरोधक साधनों के बारे में बताया गया। कई महिलाएं ने अस्थाई साधनों को अपनाने के बारे में जानकारी मांगी, उन्हें जानकारी भी दी गई।

“मैंने अपनाया गर्भनिरोधक का अस्थाई साधन – नियमित जांच के लिए केन्द्र पहुंची 28 वर्षीय राधा (परिवर्तित नाम) की डेढ़ साल की बेटी है। अंदर से कमजोर होने की वजह से अक्सर वह बीमार रहती हैं। राधा ने बताया – “मैं बच्चों में अंतर रखने के लिए अस्थाई साधन अपनाना चाह रही थी। केन्द्र में मुझे इसकी जानकारी दी गई तब मैंने गर्भनिरोधक का अस्थाई साधन अंतरा इंजेक्शन को अपनाया, अब मैं अपनी और अपने बेटी के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दे पाती हूं।

“ वहीं 34 वर्षीय केतकी (परिवर्तित नाम) ने बताया: “मुझे पहला बच्चा शादी के कई साल के बाद हुआ। लोगों ने गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग के बारे में तरह-तरह की बातें बताई जिससे मुझे डर लगता था। आज मुझे केन्द्र में गर्भनिरोधक साधनों के बारे में सही जानकारी मिली है, जिसका लाभ मैं लूंगी और परिचित महिलाओं को भी इसकी जानकारी दूंगी।“

शिशुओं और माताओं के संपूर्ण स्वास्थ्य पर जोर- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रतिमाह औसतन 300 के लगभग गर्भवती महिलाओं की जांच होती है। विशेष रूप से माह में दो दिन (9 और 24 तारीख को) गर्भवती एवं शिशुवती माताओं की जांच और परामर्श प्रदान किया जाता है। बीते जनवरी से अगस्त 2022 को ही लें तो यहां 501 प्रसव हुए। परिवार नियोजन के लिए 306 को अंतरा इंजेक्शन, 93 को आइयूसीडी लगाया गया, 149 को कॉंडोम, 50 को माला एन और 111 को छाया टेबलेट दिया गया।

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