भोजन तुरंत नहीं मिलने की बात पर शराब के नशे में आवेश में आकर लकड़ी डंडा एवं लात-मुक्का से अपनी बुजूर्ग माँ की हत्या करने वाले आरोपी संतोष नाग को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा न्यायिक अभिरक्षा में.
October 1, 2022थाना बागबहार में आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक 130/2022 धारा 302 भा.द.वि. के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुर
प्रकरण का आरोपी संतोष नाग उम्र 32 साल अपनी 70 वर्षीय माँ एवं अपने 02 पुत्रों के साथ ग्राम काडरो में रहते हैं। दिनांक 29 सितंबर 2022 को वह एक अपने ग्राम में एक व्यक्ति के यहां मजदूरी करने गया था। शाम करीब 06:00 बजे वापस घर आया। उसके बाद एक अन्य व्यक्ति के घर जाकर शराब पीया। संतोष नाग शराब पीकर वापस रात्रि 09:00 बजे अपने घर में आया और अपनी माँ से खाना बनाये हो कि नहीं पूछा तब उसकी माँ खाना नहीं बना पाई हूं, सुबह का खाना बचा है उसे खा लो कहने पर आरोपी ने अपनी माँ को कहा कि सुबह से काम करके घर आया हूं, खाना क्यों नहीं बनाये हो बोलकर आवेश में आकर अपनी माँ को पैर से मारा जिससे वह जमीन में गिर गई, फिर लकड़ी का डंडा से अपनी माँ के सिर में वार कर घर का दरवाजा बंद कर दूर्गा पूजा देखने चला गया।
संतोष नाग के दोनों पुत्र रात्रि लगभग 11:00 बजे दुर्गा पूजा देखकर वापस अपने घर में आये तो देखे कि उसकी दादी जमीन में पड़ी थी, बातचीत नहीं कर रही थी। संतोष नाग रात्रि लगभग 12:30 बजे घर आया एवं अपनी माँ को ईलाज के लिये कोतबा ले गया। वहां से रिफर करने के बाद लैलुंगा ले गया वहां डॉक्टर द्वारा मृतिका की मृत्यु हो जाना बताया। आरोपी ने थाना लैलुंगा जाकर अपनी माँ की मृत्यु गिरने से चोट आने पर मौत होना बताने पर मर्ग कायम कर पी.एम. कराया गया।
रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतिका की मृत्यु का कारण हत्या करने से होना बताया गया। मामले में धारा 302 भा.द.वि. के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण के संदेही संतोष नाग को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर अपनी माँ की बांस का डंडा एवं पैर से मारकर हत्या करना स्वीकार किया एवं उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त लकड़ी का डंडा को जप्त किया गया। आरोपी संतोष नाग उम्र 32 साल निवासी काडरो थाना बागबहार के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे दिनांक 01 अक्टूबर 2022 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक जे.आर. कुर्रे, आरक्षक क्रमांक 117 संजय राम नागवंशी, आरक्षक 326 कोसमोस तिर्की, आरक्षक अनुज कूजूर एवं आरक्षक 782 शंकर बेसरा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।