अंतरजिला समन्वय स्थापित कर नाबालिग को गुमने से बचाया गया, कोरबा एवं जशपुर पुलिस की कार्यवाही, अपहरण होने की रची झूठी कहानी, 3 घंटे के भीतर नाबालिग को किया गया बरामद
October 16, 2022बुलेट पाने की चाह में नाबालिग निकला था घर से, पत्थलगांव से किया गया सकुशल बरामद
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा/जशपुर
जिला कोरबा एवं जशपुर पुलिस के द्वारा अंतरजिला समन्वय स्थापित कर एक नाबालिक को गुम होने से पहले बरामद करने में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है ।
मामला इस प्रकार है कि मानिकपुर चौकी क्षेत्र निवासी एक 17 वर्षीय बालक शाम को 5:00 बजे अपने घर से ट्यूशन जाने के बहाने निकला और रात्रि करीब 7:00 बजे अपने परिजनों को फोन कर बताया कि अज्ञात व्यक्ति उसको अपहरण कर एक ईको वाहन में बिठा कर अज्ञात स्थान की ओर ले कर जा रहे हैं । नाबालिग के अपहरण की सूचना मिलते ही प्रभारी पुलिस अधीक्षक उदय किरण द्वारा टीम बनाकर नाबालिक को बरामद करने के निर्देश दिए गए ।
निर्देश के पालन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व, नगर पुलिस अधीक्षक कोरबा विश्व दीपक त्रिपाठी के पर्यवेक्षण , थाना प्रभारी कोतवाली निरी रूपक शर्मा , चौकी प्रभारी मानिकपुर उपनिरीक्षक लालन पटेल, साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक कृष्णा साहू , सहायक उपनिरीक्षक परमेश्वर राठौर, आरक्षक आलोक टोप्पो सहित अधिकारी कर्मचारियों का विशेष टीम का गठन किया गया । टीम द्वारा नाबालिक के बारे में गहन पतासाजी शुरू किया गया ,इसी दौरान तकनीकी आधार पर पाया गया कि नाबालिग पत्थलगांव की ओर जा रहा है । सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा द्वारा अपने बैचमेट अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर उमेश कश्यप को फोन कर उक्त मामले में सहयोग मांगा गया । अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जशपुर उमेश कश्यप द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पत्थलगांव हरीश पाटिल एवं थाना प्रभारी पत्थलगांव मल्लिका बनर्जी को नाबालिग को बरामद करने में आवश्यक सहयोग देने हेतु निर्देश दिए गए । कोरबा पुलिस द्वारा लगातार दिए जा रहे सूचना के आधार पर नाबालिग को बालाजी बस में सफर करते हुए थाना पत्थलगांव में बरामद कर लिया गया । मानिकपुर पुलिस द्वारा नाबालिक को पत्थलगांव से लाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है ।
पूछताछ पर नाबालिग ने बताया कि वह अपने पिता से बुलेट खरीदने की जिद कर रहा था , किंतु पिता द्वारा बुलेट खरीदने से मना करने पर पिता पर दबाव बनाने के लिए उसने अपहरण की झूठी कहानी रची, ट्यूशन जाने के बहाने घर से निकलकर वह पत्थलगांव की ओर जाने वाली बालाजी बस में सवार हो गया , परिजनों को डराने के लिए अपहरण की झूठी कहानी बनाकर धमका रहा था ।