पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल पहुंचे देवभूमि उत्तराखंड, बद्रीनाथ व केदारनाथ में किये सपरिवार दर्शन, स्वरुपानंद जी ने सनातन संस्कृति की सेवा और रक्षा का जो बीज बोया वो वृक्ष आज दे रहा है छाया – बृजमोहन अग्रवाल
October 17, 2022ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी के पट्टाभिषेक में सम्मिलित हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल
जो भी सनातन धर्म को नुकसान पहुंचाएगा उसे माफ नहीं किया जाएगा – बृजमोहन अग्रवाल
समदर्शी न्यूज डेस्क
देवभूमि उत्तराखंड के जोशीमठ में दक्षिण-पश्चिम-उत्तराम्नायपीठाधीश्वर श्रीजगद्गुरू-शंकराचार्य -महामहासम्मेलन एवं ज्योतिष पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। इस आयोजन में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल विशेष रूप से सम्मिलित हुए। इस दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी के साथ-साथ ज्योतिर्मठ में पधारे श्रृंगेरी शारदा पीठ के शंकराचार्य ‘विधु शेखर भारती’ महाराज, द्वारिका शारदा पीठ के शंकराचार्य ‘सदानंद सरस्वती’ महाराज जी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उत्तराखंड दौरे के दौरान उन्होंने ‘बद्रीनाथ धाम’ पहुंचकर परिवार सहित भगवान ‘श्री हरि विष्णु’, और केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदार के भी दर्शन किए।
दक्षिण-पश्चिम-उत्तराम्नायपीठाधीश्वर श्रीजगद्गुरू-शंकराचार्य-महामहासम्मेलन में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि स्वरुपानंद जी ने सनातन संस्कृति की सेवा और रक्षा के जो बीज बोए, वो वृक्ष हम सभी को छाया दे रहा है। सनातन धर्म की रक्षा के लिए आदि गुरु शंकराचार्य ने चारों मठ बनाकर चारों शंकराचार्य बनाकर धर्म की रक्षा सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को लगातार शंकराचार्य जी का आशीर्वाद मिलता रहा है। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अब हमारे धर्म की ध्वजा उंची होगी, क्योंकि अब हमें दो-दो शंकराचार्य मिल गए हैं।
पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हम सब धर्म की रक्षा के लिए संकल्पित हैं, जो भी धर्म पर उंगली उठाएगा, नुकसान पहुंचाएगा, विधर्मी होगा, उसको माफ नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धर्म के रास्ते पर चलकर भारत को एक बार फिर से विश्व गुरु बनाना है, सोने की चिड़िया बनाना है। क्योंकि पूरे विश्व में एकमात्र सनातन धर्म हिंदू धर्म है, जो वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है, जो पूरे विश्व को एक करने की बात करता है, एक बार फिर हमें उसी अखंड भारत की रचना करनी है।