प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम बना आदिवासी युवती डेमेश्वरी का स्वावलंबन आधार, सफल व्यवसायी बनकर महिलाओं के लिए बनी प्रेरणा स्त्रोत
August 23, 2021जगदलपुर, – महिलाओं को व्यापार-व्यवसाय में आत्मनिर्भर बनाकर उनके जीवन को खुशहाल बनाने में शासन की विभिन्न स्वरोजगार मूलक योजनाएं प्राणवायु एवं संजीवनी का काम कर रही हैं। खास करके निम्न एवं मध्यम वर्ग के महिलाओं को व्यापार-व्यवसाय में संबल बनाने में शासन की रोजगारमूलक योजनाएं काफी मददगार साबित हो रही हैं। इसे चरितार्थ किया है जिले के बस्तर विकासखण्ड के ग्राम घाटलोंहगा की आदिवासी युवती डेमेश्वरी पैकरा ने जो कम्प्यूटर में डीसीए करने के उपरांत भी अपने खराब आर्थिक स्थिति के कारण कम्प्यूटर से जुड़ी व्यापार-व्यवसाय में भाग्य अजमाने की सोच को मूर्त रूप नहीं दे पा रही थी। लेकिन अपने रूचि के व्यवसाय में कुछ कर गुजरने की सोच एवं तमाम विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए अपने जीवन स्तर को सुधारने की जिजीविषा के साथ-साथ प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत शासन से मिले आर्थिक सहयोग के बदौलत वे आज सफल व्यवसायी बन गई है। इस योजना के अन्तर्गत सही वक्त पर मिले शासकीय मदद के फलस्वरूप कम्प्यूटर व्यवसाय क्षेत्र में एक फसल व्यवसायी बनकर व्यापार-व्यवसाय से जुड़े लोगों तथा स्वरोजगार के लिए इच्छुक हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बन गए हैं।
अपने व्यापार-व्यवसाय की स्थापना एवं जीवन संघर्ष के बारे में जानकारी देते हुए डेमेश्वरी ने बताया कि वे विशुद्ध रूप से सामान्य कृषक परिवार से संबंध रखती हैं। उनके पिताजी आज से कुछ वर्ष पहले तक खेती किसानी एवं मेहनत, मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण किया करते थे। उनके पिता ने बहुंत ही मुश्किल से मेरे अलावा दो और बड़ी बहनों की शिक्षा-दिक्षा की व्यवस्था की है। डेमेश्वरी ने बताया कि उन्होंने खराब आर्थिक स्थिति का सामना करते हुए 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कम्प्यूटर में डीसीए की पढ़ाई पूरी की है। कम्प्यूटर के कोर्स को पूरा करने के बाद इस क्षेत्र में रूचि होने के कारण उसके मन में कम्प्यूटर से जुड़े कार्यों का व्यवसाय शुरू करने का विचार आया। लेकिन घर की माली हालत खराब होने के कारण स्वयं के बूते पर उस समय व्यवसाय प्रारंभ करना बिल्कुल भी संभव नहीं था। इसी दौरान उसे जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन के कार्यक्रम के माध्यम से कम्प्यूटर से जुड़े व्यवसाय के लिए ऋण मिलने की जानकारी मिली। इस योजना के तहत आदिवासी महिलाओं को रोजगार शुरू करने के लिए विशेष छुट का भी प्रावधान है।
डेमेश्वरी ने बताया कि इसके बाद उन्होंने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों के सहयोग से इस योजना से संबंधित सम्पूर्णं जानकारी एकत्र कर कम्प्यूटर के व्यवसाय के लिए ऋण प्रकरण तैयार कर बैंक आॅफ बड़ौदा संजय मार्केट जगदलपुर को प्रेषित करवाया। अधिकारियों ने उसके प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही करते हुए व्यवसाय के लिए 2 लाख 19 हजार रूपए का ऋण स्वीकृत कर दिया। आज घाटलोंहगा में स्थापित अपने जेडी कम्प्यूटर में साइबर कैफे एवं प्रिंटिंग से संबंधित कार्यों के अलावा लोगों को बी-1 नखसा-खसरा, आयुष्मान कार्ड आदि स्थानीय जरूरत के सभी सेवाओं को उपलब्ध करा रहीं हैं। इस तरह से डेमेश्वरी कम्प्यूटर से जुड़े व्यवसाय को प्रतिमाह लगभग 55 हजार रूपए की आमदानी प्राप्त कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हुए खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही हैं।