“किसी की ज़िंदगी तुम्हें बचानी है – सी.पी.आर. पर आधारित संगीतमय प्रस्तुति’’

“किसी की ज़िंदगी तुम्हें बचानी है – सी.पी.आर. पर आधारित संगीतमय प्रस्तुति’’

November 16, 2022 Off By Samdarshi News

चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर के शिक्षकों का समूह गान

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

पं. जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव ‘‘यूफोरिया 2022’’ के अन्तर्गत महाविद्यालय के इतिहास में पहली बार यहाँ के वरिष्ठ 17 चिकित्सा शिक्षकों ने शानदार समूहगान प्रस्तुत किया। हृदयघात से किसी व्यक्ति के दिल की धड़कने जब थमने लगती है, तब उसके दिल की धड़कनों को पुनःस्थापित करने के लिये अत्यन्त आवश्यक तत्काल उपलब्ध कराये जाने वाले प्राथमिक प्रक्रिया (उपचार) को सी.पी.आर. (कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटैशन) कहते हैं। इसी सी.पी.आर. की संगीतमय प्रस्तुति समूह गान के रूप में की गयी। इस प्रक्रिया के एक-एक चरण को बहुत सरल शब्दों में कुछ ऐसे पिरोया गया है कि एक सामान्य श्रोता भी इस जीवन संजीवनी उपाय को आसानी से समझ सकता है।

       जन-सामान्य तक इस महत्वपूर्ण जीवनदायी प्राथमिक उपचार पद्धति को पहुँचाने के उद्देश्य से प्रस्तुत इस समूह गान को बहुत सराहा गया। डाॅ. अरविन्द नेरल के नेतृत्व में इसे डाॅ. प्रतिभा जैन शाह, डाॅ. ज्योति जायसवाल, डाॅ. जया लालवानी, डाॅ. राबिया परवीन सिद्दीकी, डाॅ. चंद्रकला जोशी, डाॅ. वर्षा पाण्डेय, डाॅ. रश्मि नायक, डाॅ. मान्या ठाकुर, डाॅ. कस्तूरी मंगरुलकर, डाॅ. आकाश लालवानी, डाॅ. वनिता भास्कर, डाॅ. पीयूष भार्गव, डाॅ. मंजुलता टंडन, डाॅ. अनिषा नागरिया, डाॅ. महिमा मित्तल और डाॅ. अविरल मिश्रा ने प्रस्तुत किया। जीवंत आर्केस्ट्रा के साथ इस प्रस्तुति के लिये इन शिक्षकों ने तीन दिन प्रैक्टिस की। मूल गीत के गीतकार और निर्देशक डाॅ. राजन जोशी और गायक डाॅ. संकेत जोशी हैं। इस प्रस्तुति के समय वार्षिकोत्सव के मुख्य अतिथि पूर्व अधिष्ठाता डाॅ. पी.के. मुखर्जी, संचालक चिकित्सा शिक्षा डाॅ. विष्णु दत्त, अधिष्ठाता डाॅ. तृप्ति नागरिया, डाॅ. आर.के. सिंह, डाॅ. मानिक चटर्जी, अन्य चिकित्सा शिक्षक, विद्यार्थी एवं उनके पालकगण उपस्थित थे। इसके पूर्व एम.बी.बी.एस. के मेधावी छात्रों और सांस्कृतिक कार्यक्रम के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। अधिष्ठाता डाॅ. तृप्ति नागरिया ने अपने वार्षिक प्रतिवेदन में महाविद्यालय के शैक्षणिक उपलब्धियों का वर्णन करते हुए कोविड महामारी के बहुत मुश्किल परिस्थितियों में महाविद्यालय के अभूतपूर्व योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की।