गौठनों में कुक्कुट पालन से स्व सहायता समूह की महिलाएं बढ़ रही स्वावलंबन की दिशा में, जिले में कुक्कुट पालन बन रहा रोजगार का स्रोत

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर चांपा

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत जांजगीर-चांपा जिले के गौठनों में मल्टीएक्टिविटी के कार्यों से जिले की स्व सहायता समूह की महिलाएं स्वालंबन की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। जिले के गौठान बारगांव में मल्टीएक्टिविटी कार्यों के तहत रविदास महिला स्व सहायता समूह की महिलाएं  कुक्कुट पालन कर 6 से 7 महीने में ही लगभग 80 हजार की आमदनी प्राप्त कर चुकी है। जिसके माध्यम से स्व सहायता समूह की महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर परिवारिक जिम्मेदारी निभाते हुए आगे बढ़ रही हैं। प्राप्त आमदनी का महिलाओं द्वारा अपने घर के खर्च, बच्चों की पढ़ाई, सहित अन्य गतिविधियों का संचालन कर सशक्त हो रही है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो रहा है।

छत्तीसगढ़ शासन की इस महत्वपूर्ण योजना का जिले के कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में पामगढ़ विकासखंड के बारगांव में कुक्कुट पालन के लिए दो इकाई का निर्माण किया गया है। जिसमें संत रविदास स्व सहायता समूह की महिलाओं और आस्था स्व सहायता समूह द्वारा कुक्कुट पालन का कार्य किया जा रहा है। संत रविदास स्व सहायता समूह की अध्यक्ष सुनीता तुर्काने ने बताया कि इस योजना से जुड़ने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। उन्होंने बताया कि उनके समूह द्वारा 2 फरवरी 2022 से कुक्कुट पालन का कार्य प्रारंभ किया गया है। इस कार्य के तहत उनके द्वारा अब तक 4 बार 4 लाट निकाला जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रथम बार 950 चूजों से शुरुआत करते हुए तथा दूसरी, तीसरी और चौथी बार क्रमशः हजार चूजे डालने के बाद उन्हें 80 हजार की शुद्ध आमदनी प्राप्त हुई है। इसी प्रकार आस्था स्व सहायता समूह की अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी बानी ने बताया कि 27 जून 2022 से गौठान में चूजे डालकर  कुक्कुट पालन प्रारंभ किए हैं। प्रथम बार 700 चूजे के साथ शुरुआत करते हुए, द्वितीय बार 800 चूजे डालकर लाभ प्राप्त किया जा चुका है। तथा अभी वर्तमान में 600 चूजे 19 अक्टूबर 2022 को डाला गया है। जिसे बिक्री करने के बाद अच्छा मुनाफा प्राप्त होने की संभावना है। समूह की अध्यक्ष अन्नपूर्णा बानी ने बताया कि कुक्कुट पालन से प्राप्त आमदनी से उन्होंने इस बार की दिवाली भी अच्छे से मनाई है और घर के लिए घरेलू सामान, बर्तन, कपड़े आदि परिवारिक खर्च कर रहे हैं। जिससे अब वे स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि कुक्कुट पालन कार्य में पंचायत, सरपंच, सचिव और पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा नियमित मार्गदर्शन दिया जाता है तथा आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता है।

पामगढ़ विकासखंड के 5 गौठनों में कुक्कुट पालन कार्य है संचालित

पशुधन विकास अधिकारी पामगढ़ डॉ जैनेंद्र सूर्यवंशी ने बताया कि जिला कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के दिशा निर्देशन से मल्टीएक्टिविटी के तहत पामगढ़ विकासखंड के बारगांव में 2 इकाई में बायलर, पेंड्री में सोनाली नस्ल, केसला में बायलर और बतख पालन, लोहरसी और मूलमुला में सोनाली नस्ल के कुक्कुट पालन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्व सहायता समूह की महिलाओं की मेहनत और लगन से उन्हें अच्छी सफलता मिल रही है और वे अपने परिवार के भरण पोषण और आर्थिक गतिविधि में शामिल होकर सहयोग कर रही हैं। इसी तरह पशुधन विकास विभाग द्वारा कुक्कुट के उपचार, टीका, ठंड और गर्मी से बचाव सहित सभी नई तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति की जानकारी दी जा रही है।

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