बोखी गौठान की स्व सहायता समूह की महिलाए खाद निर्माण और बाड़ी विकास से बनी आत्मनिर्भर

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लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाएं खाद बेचकर 93 हजार रूपए की लाभ की अर्जित

30 एकड़ में गौठान को विकसित किया गया है, गौठान के नजदीक नरवा की भी है सुविधा

आजीविकास संवर्धन से जोड़ने के लिए समूह ने मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर 

छत्तीसगढ़ सरकार सुराजी ग्राम योजना को सकार कर रही है। गांव के गौठानों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है और स्थानीय महिलाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है। फरसाबहार विकासखण्ड के बोखी गौठान की लक्ष्मी और दीप स्व सहायता समूह की महिलाएं मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, खाद निर्माण, चप्पल निर्माण, बाड़ी विकास से अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही है।

महिलाओं ने बताया कि गौठान को 30 एकड़ में विकसित किया गया है। जहां सीजन अनुसार अनेक प्रकार की साग-सब्जी लगाते हैं। जिससे उनको अतिरिक्त लाभ भी हो जाता है। गौठान के नजदीक में ही नाले की भी सुविधा दी गई है। जिसका समय-समय पर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि 284 क्विंटल खाद का निर्माण किया गया था। जिससे विक्रय से 93 हजार का लाभ हुआ था। इसी प्रकार चप्पल निर्माण से 35 हजार रूपए का लाभ अर्जित किए हैं। समूह की महिलाओं ने आजीविकास संवर्धन से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

बोखी गौठान के सरपंच श्री प्रमोद कुमार पैंकरा ने बताया कि मनरेगा के तहत् गौठान के नजदीक नाला को जल सरक्षण संवर्धन के तहत् जीर्णोद्धार किया जा रहा है। ताकि गर्मी सीजन में भी आस-पास किसान नाले के पानी का उपयोग करके खेती-बाड़ी कर सकें। साथ ही गौठानों में भी पानी का उपयोग किया जा सके। उन्होंने ने बताया कि बोखी गौठान के समूह की महिलाएं भी बहुत सक्रिय हैं। गौठानों में आजीविका मूलक कार्य से आगे बढ़ रही हैं।

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