कांग्रेस ने षडयंत्रपूर्वक जोड़ा ब्रम्हानंद नेताम का नाम, झारखंड पुलिस को सबसे पहले मोहन मरकाम को करना चाहिए गिरफ्तार – बृजमोहन अग्रवाल

कांग्रेस ने षडयंत्रपूर्वक जोड़ा ब्रम्हानंद नेताम का नाम, झारखंड पुलिस को सबसे पहले मोहन मरकाम को करना चाहिए गिरफ्तार – बृजमोहन अग्रवाल

November 23, 2022 Off By Samdarshi News

अगर सरकार में दम है तो ब्रह्मानंद नेताम को करें गिरफ्तार, हम चुनाव जीतकर दिखाएंगे बृजमोहन अग्रवाल

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ में भानुप्रतापपुर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम पर कांग्रेस के आरोपों को लेकर बीजेपी के पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम को अरेस्ट करने की मांग की है। उन्होंने यह कहा कि  झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस मोहन मरकाम जी को गिरफ्तार करे, क्योंकि उन्होंने पीड़िता के नाम को उजागर किया है। मोहन मरकाम ने प्रतिवेदन में लिखे हुए नियमों का उल्लंघन कर भाजपा प्रत्याशी ब्रम्हानंद नेताम के खिलाफ षड्यंत्र रचने का काम किया है। साफ तौर पर कांग्रेस पार्टी की सरकार और मुख्यमंत्री को अपनी हार का डर सता रहा है, इनका यही खौफ बताता है कि भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित है।

पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल

इस प्रकरण पर विस्तार से बात करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रतिवेदन 02 में साफ लिखा हुआ है कि इसको आप डायरी का हिस्सा नहीं बनाएंगे। मोहन मरकाम जी द्वारा बांटे गए पत्र को पढ़ते हुए पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार की मंशा पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने प्रतिवेदन पढ़कर बताया कि अनुसंधानकर्ता को यह निर्देश है कि पर्यवेक्षण एवं प्रतिवेदन 02 में दिए गए निर्देशों को कांड दैनिकी में अंकित नहीं करेंगे, अन्यथा अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा वो नही सुभाष चन्द्र जाट, पुलिस अधीक्षक, जमशेदपुर (नगर पूर्वी सिंहभूम) के अनुसार दिए गए प्रपत्र में लिखा है। इसका मतलब यह है कि ब्रम्हानंद नेताम जी का नाम जो उजागर हुआ है, वह डायरी का हिस्सा ही नहीं है। ब्रम्हानंद नेताम जब डायरी का हिस्सा है ही नहीं, तो इससे यह साफ पता चलता है कि कांग्रेस ने षड्यंत्रपूर्वक ये नाम जोड़कर नेताम जी को बदनाम करने की कोशिश की है।

पूर्व मंत्री ने मोहन मरकाम से पूछा कि वो यह बताएं कि कब ब्रह्मानंद नेताम झारखंड के जमशेदपुर गए, कभी वहां की पुलिस यहां नहीं आई। झारखंड में इन्हीं की मिली जुली सरकार है, ये मिलकर षड्यंत्र कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कई सवालिया निशान खड़े किए कि, झारखंड की पुलिस ने तीन साल में कांकेर के एसपी को संपर्क क्यों नहीं किया..? कभी चारामा थाना को भी सम्पर्क नहीं किया गया और ना ही समन जारी किया गया। आज सीधा गिरफ्तारी की मांग करने वाले ये बताएं कि बिना इन्वेस्टिगेशन के गिरफ्तारी होती है क्या..?

कांग्रेस सरकार  भानुप्रतापपुर में हार के डर से घबराई हुई है। जिस कारण ये लोग इस घटिया राजनीति के स्तर पर उतर आए हैं। आदिवासी समाज के आरक्षण से वनवासी समाज को वंचित कर दिया है, जिससे उन्हें सर्व आदिवासी समाज का विरोध झेलना पड़ रहा है। इस सरकार ने पहले तो आरक्षण छीन लिया अब एक आदिवासी नौजवान जो चुनाव लड़ रहा है, उसको बदनाम कर उसके चरित्र का हनन कर रही है।