मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर त्वरित अमल: अंतागढ़ क्षेत्र के 53 ग्रामों को नारायणपुर जिले में सम्मिलित करने केन्द्र सरकार को भेजा जा चुका है प्रस्ताव

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अंतागढ़ के लोगों की मांग पर शुरू से ही सहमत रहे हैं मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को केन्द्र से समन्वय करने के दिए निर्देश

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

जगदलपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कांकेर जिले के अंतागढ़ ब्लाक के रावघाट के इलाके के लोगों की भावनाओं और प्रशासनिक कामकाज की सहूलियत के मद्देनजर इस क्षेत्र के 53 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को पूर्व में ही भेजा जा चुका है। अंतागढ़ ब्लाक रावघाट अंचल के ग्रामीणों की उक्त मांग पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल शुरू से ही सहमत रहे हैं और इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भिजवाने के साथ ही समन्वय कर आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित कर चुके हैं। 

गौरतलब है कि अंतागढ़ के विधायक अनूप नाग के नेतृत्व में बीते दिनों रावघाट इलाके के ग्रामीणों के एक प्रतिनिधि मण्डल ने अपनी मांग के संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की थी और अंतागढ़ ब्लाक के 53 गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का आग्रह किया था। प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री को यह अवगत कराया था कि रावघाट अंचल के 53 गांव जिला मुख्यालय कांकेर से काफी दूर है। प्रशासनिक कामकाज के लिए कांकेर जिला मुख्यालय जाने-आने में काफी दिक्कतें होती है, जबकि इन गांवों की नारायणपुर जिला मुख्यालय से दूरी काफी कम है। रावघाट इलाके के इन गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने से यहां के लोगों को जिला मुख्यालय आने-जाने में सहूलियत होगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ग्रामीणों के प्रतिनिधि मण्डल की मांगों पर सहमति जताते हुए राजस्व विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मण्डल को इस मौके पर यह भी भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों को मूर्तरूप देने में अपनी ओर से हरसंभव प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मण्डल को यह जानकारी भी दी थी कि नए ब्लाक का गठन एवं इसकी सीमा का निर्धारण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। इसलिए अंतागढ़ ब्लाक के रावघाट अंचल के गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल किए जाने का निर्णय केन्द्र सरकार लेगी। केन्द्र सरकार को राज्य शासन द्वारा प्रस्ताव भेजा जाएगा और वहां से सहमति मिलते ही इसे पूरा किया जाएगा।

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