ग्राम सुरेशपुर के पीडीएस दुकान में हुए राशन चोरी के संबंध में हुआ खुलासा : आरोपी धरमसाय, हफीज और उसके अन्य साथी मिलकर पीडीएस दुकान सुरेशपुर पहुंचे और उक्त चोरी की घटना को दिया था अंजाम.

ग्राम सुरेशपुर के पीडीएस दुकान में हुए राशन चोरी के संबंध में हुआ खुलासा : आरोपी धरमसाय, हफीज और उसके अन्य साथी मिलकर पीडीएस दुकान सुरेशपुर पहुंचे और उक्त चोरी की घटना को दिया था अंजाम.

November 29, 2022 Off By Samdarshi News

ग्राम सुरेशपुर के पीडीएस दुकान में शटर को तोड़ कर 79 बोरी चावल, 16 बोरी चना एवं 09 बोरी शक्कर चोरी की हुई थी रिपोर्ट

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुर

जशपुर : दिनांक 27 नवंबर 2022 की रात ग्राम सुरेशपुर में हुए 79 बोरी चावल, 16 बोरी चना एवं 09 बोरी शक्कर को अज्ञात चोरों के द्वारा दुकान के शटर को तोड़ कर ले जाने के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के एसपी डी. रविशंकर के निर्देशानुसार एएसपी उमेश कुमार कश्यप के मार्गदर्शन में एसडीओपी हरीश पाटिल मार्गदर्शन में थाना पत्थलगांव को मुखबिर सूचना मिली कि ग्राम चिकनीपानी निवासी धरमसाय नागवंशी के घर चना और शक्कर के बोरे रखे गए हैं। थाना पत्थलगांव और बागबहार की संयुक्त पुलिस टीम ने उक्त व्यक्ति के घर दबिश दी और उससे प्राप्त चने और शक्कर की बोरी के संबंध में कड़ाई से पूछताछ किया। तब आरोपी धरमसाय नागवंशी ने बताया कि उसने 79 बोरी चावल चिकनीपनी के ही अनाज व्यवसायी कैलाश अग्रवाल को 40,000/-रुपयों में बेचा है। पुलिस टीम ने कैलाश अग्रवाल के दुकान में दबिश दी और कैलाश अग्रवाल के निशानदेही पर उसके गोदाम से 79 बोरी चावल जब्त किया।

दोनों आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया तब आरोपी धरमसाय नागवंशी ने बताया कि जोराडोल छुटकीपारा निवासी मोहम्मद हफिज ने धरमसाय से संपर्क करके सुरेशपुर के पीडीएस दुकान में चोरी करने की योजना बनाई थी। इसके लिए धरमसाय के पिक-अप वाहन और हफिज के कार का इस्तेमाल किया गया। दिनांक 26 और 27 नवंबर की दरम्यानी रात आरोपी धरमसाय, हफीज, और उसके अन्य साथी मिलकर पीडीएस दुकान सुरेशपुर पहुंचे और उक्त चोरी की घटना को अंजाम दिया। चोरी के राशन में से 79 बोरी चावल को आरोपी धरमसाय ने कैलाश अग्रवाल को 40,000/-रूपये  में बेचा। बिक्री रकम (40,000/-) और 08 बोरी शक्कर को हफीज को दिया। धरमसाय स्वयं के पास 16 बोरी चना और 01 बोरी शक्कर को रखकर पुनः बेचने और उससे मिले पैसे को अपने हिस्से के रूप में रखने की फिराक में था।