टीबी उन्मूलन कार्य में जिलों के मूल्यांकन के लिए नोडल अधिकारी हुए प्रशिक्षित, प्रदेश के 13 जिलों ने “सब नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड 2022” के लिए किया आवेदन
November 30, 2022मूल्यांकन के लिए नामांकित जिलों के नोडल अधिकारी एवं सहायक नोडल अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का किया गया आयोजन
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर
रायपुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा टी.बी. रोग में कमी लाने व देश को टीबी मुक्त बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला स्तर पर “सब नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड- 2022” हेतु छत्तीसगढ़ से 13 जिलों ने भारत सरकार को आवेदन भेजा है। जिलों ने भेजे आवेदन में जिलों का मूल्यांकन किए जाने की अपील भी की है। इन्ही मूल्यांकन के लिए नामांकित जिलों के नोडल अधिकारी एवं सहायक नोडल अधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें स्वास्थ्य अधिकारियों ने टीबी उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के साथ ही सब नेशनल सर्टिफिकेशन या मूल्यांकन के लिए नामांकित जिलों के चिन्हांकित गांवों में सर्वे, सैंपल कलेक्शन एवं जांच किए जाने के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की।
सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए राज्य के 13 जिलों ने भारत सरकार को आवेदन किया है। जिसके लिए भारत सरकार ने इंडियन एसोसिएशन प्रीवेंटिव एंड सोशल मेडिसीन (आईएपीएसएम) को मूल्यांकन के लिए अधिकृत किया है। इन्हीं के प्रतिनिधियों द्वारा आवेदित जिलों के चिन्हाकित गाँवों में सर्वे व सैंपल कलेक्शन व जांच का कार्य किया जाएगा। साथ ही विगत 7 वर्षों के रिकॉर्डस का भी विश्लेषण व मूल्यांकन किया जाएगा। इस संबंध में स्टेट नोडल अधिकारी सब नेशनल इवैल्यूएशन डॉ. निर्मल वर्मा ने बताया – “भारत सरकार द्वारा टी.बी. रोग में कमी लाने व टीबी उन्मूलन के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। इसके अंतर्गत जिला स्तर पर विशेष अवार्ड दिया जाता है। इसके अंतर्गत “सब नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड-2022” हेतु छत्तीसगढ़ से 13 जिलों ने भारत सरकार को अवार्ड दिए जाने के लिए आवेदन किया है। यह पूरी प्रक्रिया एक प्रकार की स्वतंत्र बाह्य मूल्याकंन प्रक्रिया है। इस पूरी प्रक्रिया में यह विश्लेषण किया जाएगा कि 2015 की स्थिति से वर्तमान में आवेदित जिलों में मरीजों के संक्रमण दर में कितनी कमी आयी है। टीबी संबंधित बीमारी से मृत्यु में कितनी कमीं आई है तथा टीबी के इलाज खर्च में कितनी कमी है। उसी आधार पर जिलों को गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। आवेदन करने वाले जिलों का उपरोक्त अवार्ड के लिए मूल्यांकन भी इसी आधार पर होगा।
इसी के मद्देनजर राज्य के सभी 09 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सह प्राध्यापकों व डेमोंसस्ट्रेटर का एक दिवसीय प्रशिक्षण व उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित किया गया। उन्होंने आगे बताया – “टीबी उन्मूलन या टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ की दिशा में प्रदेश स्तर से लगातार प्रयास जारी है। टीबी रोग के बारे में जागरूकता का प्रयास भी किया जा रहा है। कई जिले टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए बेहतर प्रयास कर रहे हैं। वर्ष 2021 में सब नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले को ब्रॉन्ज मेडल मिल चुका है। इसी कड़ी में इस वर्ष 2022 में प्रदेश के 13 जिलों ने ( 12 ने ब्रांज और 1 ने सिल्वर मेडल) सब नेशनल सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन किया है। इन जिलों का मूल्यांकन करने के लिए जिलों के नोडल अधिकारियों और सहायक नोडल अधिकारियों की भूमिका क्या रहेगी, इस पर विस्तार से जानकारी कार्यशाला सह उन्मुखीकरण के दौरान दी गयी। जल्द ही आवेदित जिलों का मूल्यांकन का कार्य कर रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी।“
कार्यशाला में चेयरपर्सन एनटीएफ डॉ. अशोक भारद्वाज, चेयरपर्सन आईएपीएसएमएनटीएफ कोर कमेटी डॉ. भावेश मोदी, प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष शास.चिकित्सा महाविद्यालय डॉ. निर्मल वर्मा, प्राध्यापक कम्युनिटी मेडिसिन डॉ. कमलेश जैन, आईएपीएसएम ऑफिसर साउथ डॉ. शरथ, सहायक प्राध्यापक आईएपीएसएम डॉ अदिति चंद्राकर, साइंटिस्ट डी आईसीएमआर एनआईआरटी डॉ. दीना नायर, सह प्राध्यापक सिम्स डॉ एस.कुमार पैकरा, लेखाशाखा आईसीएमआर एनआईआरटी बसवाराजू, रीजनल कंसलटेंट डब्लूएचओ (सीजी एमपी) डॉ. क्षितिज खापर्डे, उप संचालक राज्य क्षय अधिकारी डॉ. धर्मेंद्र गहवई एवं डब्लूएचओ कंसलटेंट डॉ. रोचक सक्सेना द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
इन जिलों ने किया आवेदन –
सब नेशनल सर्टिफिकेशन ऑफ टीबी एलिमिनेशन अवार्ड 2022 के लिए प्रदेश के 13 जिलों ने आवेदन किया है। इनमें रायपुर, महासमुंद, बलौदा बाजार, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, बस्तर, कोंडागाँव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर सम्मिलित हैं।