भानूप्रतापपुर चुनाव में तय हार के कारण ही लाया गया है, नियम प्रक्रियाओं व कानून को तोड़कर यह आरक्षण संशोधन विधेयक, भूपेश बघेल नहीं चाहते एससी 16, एसटी 34, ओबीसी 27 व आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 प्रतिशत मिले आरक्षण –  बृजमोहन अग्रवाल

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अनुसूचित जाति को 16 प्रतिशत व ईडब्लूएस को 10% आरक्षण देने में भूपेश सरकार को क्या दिक्कत है ?

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में छत्तीसगढ़ लोक सेवा अजा, अजजा,  और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 व  छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 पर सदन में चर्चा करते हुए सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने सीधा-सीधा कहा कि भूपेश बघेल की सरकार ने यह विधेयक जिस प्रकार से नियमों, कानूनों व संविधान को तोड़कर लाया और अवैधानिक कृत्य किया है, इससे इस वर्ग को कोई फायदा नही होगा, उल्टा भानुप्रतापपुर उपचुनाव को प्रभावित करने हड़बड़ी में लाया यह विधेयक कानूनन सही नही है व कही टिकेगा भी नही।

श्री अग्रवाल ने कहा कि यह सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है, इस सरकार की मंशा कभी भी अनुसूचित जनजाति समाज को फायदा पहुंचाने की नहीं रही है। सितंबर 2022 में उच्च न्यायालय का निर्णय है 3 महीने में किया क्या ? क्यों अध्यादेश नहीं लाया गया ?  भानुप्रतापपुर उपचुनाव में संभावित हार को देखते हुए यह विधेयक आनन-फानन में लाया गया हैं।

श्री अग्रवाल ने विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक का समर्थन करते हुए इसके वैधानिकता को लेकर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति ओबीसी  व ईडब्ल्यूएस को उनके अधिकार मिलने चाहिए पर वह नियम कानून के अनुसार होना चाहिए। भूपेश बघेल की सरकार ने सदन में जो विधेयक लाया है वह सिर्फ और सिर्फ भानूप्रतापपुर उपचुनाव के कारण ही लाया है।

3 महीने से प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया हैं, 3 महीने से प्रदेश में कोई भर्ती नही हो रही है। कॉलेजों में बच्चों के एडमिशन नहीं हो पा रहे हैं। संवैधानिक ब्रेकडाउन की स्थिति है। इस सरकार से जुड़े हुए लोगों ने अनुसूचित जनजातियों को मिलने वाला आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में जाकर रोक लगवाई, ओबीसी आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में गए और कोर्ट जाने वाले लोगों को ही इस सरकार ने पदों से उपकृत किया है, आखिर क्यों ?

श्री अग्रवाल ने सदन में कहा कि यह भूपेश सरकार नही ठगेस सरकार है। एक बार फिर प्रदेश के अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी व आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को ठगा जा रहा है, इस सरकार को लोकतंत्र को नष्ट भ्रष्ट करने पर समाज कभी माफ नहीं करेगा।

श्री अग्रवाल ने कहा कि आज जो विधेयक लाया गया हैं, जो संकल्प लाए गए हैं, जिस विधेयकों पर राज्यपाल ने हस्ताक्षर ही नहीं किया है क्या यह विधेयक पारित माना जाएगा ? क्या उस विधेयक के समर्थन में हम संकल्प ला सकते हैं ? क्या हमारे विधानसभा में नियम, कायदे, कानून संविधान की रक्षा नहीं करेंगे। आपने 78% आरक्षण लाया मैंने बताया कि कुछ राज्यों में 80% है कुछ राज्यों में 85% है आप अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत, गरीबी रेखा के नीचे वालों के लिए 10% प्रतिशत का प्रस्ताव लाइये हम उसका भी समर्थन करेंगे। हम इस विधेयक को सर्वसम्मति से पारित करेंगे, परंतु इसको पूरी तैयारी के साथ लाया जाना चाहिए। प्रदेश के अनुसूचित जाति के साथ अनुसूचित जनजाति के साथ हमारे पिछड़े वर्ग के साथ हमारे ईडब्ल्यूएस गरीबों के साथ कोई जवाब है आपके पास। क्या गरीब इस प्रदेश के नागरिक नहीं है, जिसमें पास कुछ भी नहीं है क्या उनको आरक्षण नहीं मिलना चाहिए ? जब भारत की केंद्र सरकार ने लोकसभा में कानून बनाकर 10% आरक्षण दिया उसको  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप ठीक है यह किसी जाति, जनजाति, पिछड़े वर्ग के आरक्षण को प्रभावित नहीं करता यह सभी लोगों के साथ है, आपने इसमें ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 10% क्यों नहीं किया ? अनुसूचित जाति के लिए आपने 16% क्यों नहीं किया ? आप क्या करना चाहते हैं आप यह सिर्फ करना चाहते कि भानुप्रतापपुर चुनाव 5 तारीख को हो जाए उसके बाद भले ही यह रदद् हो जाये, इससे इनको कोई मतलब नहीं है।

श्री अग्रवाल ने कहा मैं इस विधेयक का समर्थन करता हूं पर इस बात की मांग करते हुए कि अनुसूचित जाति को 16% आरक्षण दिया जाए, गरीबी रेखा से नीचे ईडब्ल्यूएस को 10% प्रतिशत आरक्षण दिया जाए और इसमें पुख्ता इंतजाम किया जाए कि हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट पर फिर से हमारा विधेयक रोक न दिया जाए और इस बात की समीक्षा की जाए कि क्या सुप्रीम कोर्ट में सरकार गई है ? अगर उसके निर्णय हमारे विपरीत होता है तो हमारे विधेयक का क्या होगा ? हमारे इस संकल्प का क्या होगा ? क्या हम इस पर जो करने जा रहे हैं वह नियम कायदे कानून के लिए करने जा रहे हैं या फिर 5 तारीख के होने वाले भानुप्रतापपुर उपचुनाव के लिए करने जा रहे हैं, क्योंकि जो कानून बनता है वह मेरे पास में जानकारी है। छत्तीसगढ़ की विधानसभा में अभी तक 520 विधेयक याने कानून बनाए गए हैं, 152 नए कानून विधेयक लाए गए हैं और 368 कानून संशोधन किए गए। आज तो कानून पेश किया जा रहा है वह खाली अपनी राजनैतिक दुकान सजाने के लिए भानूप्रतापपुर चुनावों के लिए यह विधेयक पेश किया जा रहा है। 4 साल से जो हजारों पद खाली पड़े हुए हैं, उसको भरने में सरकार नाकाम रही है और हमारा अनुसूचित जनजाति वर्ग पूरे प्रदेश में आंदोलनरत है। उस आंदोलनरत अनुसूचित जनजाति को गुमराह करने के लिए पूरा पिछड़ा वर्ग आंदोलनरत थे, उसको गुमराह करने के लिए पूरा अनुसूचित जाति वर्ग आंदोलनरत हैं, उनको गुमराह करने के लिए पूरे नौजवान आंदोलनरत है, उनको गुमराह करने के लिए और मुझे तो कभी-कभी यह भी लगता है कि कहीं विधानसभा को भी गुमराह तो नहीं किया गया है, गलत जानकारी देकर या प्रस्तुत तो नहीं किया जा रहा है ? हम सर्वसम्मति से पारित करेंगे हम इस विधेयक का समर्थन करते हैं, परंतु विधानसभा उसकी समीक्षा कर ले कि वह कहीं गलत तो नहीं करने जा रहे हैं ? आने वाला समय कहीं हमको यह नहीं कहे कि हमारी उपस्थिति में सब गलत हुए है। इसलिए हम सब बिंदुओं के ऊपर आपका ध्यान आकृष्ट करते हुए इस संशोधन विधेयक का समर्थन करते हैं।

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