छत्तीसगढ़ सरकार गौ माता को संरक्षण देने का काम कर रही है आप सभी सहयोग करें : गौमाता का पूंछ पकड़कर बैतरनी पार हो सकते हैं आप, पैरा दान करके भी कमा सकते हैं पुण्य -राजेश्री महन्त जी

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा

छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा गौ संरक्षण के क्षेत्र में भारत वर्ष के अन्य सभी राज्यों की सरकार से अपेक्षाकृत काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है इसमें जनजागृति बहुत आवश्यक है आप सभी मिलकर सहयोग करें निश्चित तौर पर गौ माता का संरक्षण यहां बेहतरीन तरीके से हो सकेगा! यह बातें छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने कोरबा जिले के करतला ब्लॉक अंतर्गत स्थित चिचोली ग्राम के गौशाला में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किया, प्राप्त जानकारी के अनुसार राजेश्री महन्त जी महाराज स्वर्गीय वैद्य नाथूराम कौशिक गौशाला चिचोली पहुंचे यहां उन्होंने गौशाला का विधिवत निरीक्षण किया और व्याप्त खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। गौशाला संचालन समिति के द्वारा उनका बड़े ही आत्मीयता पूर्वक स्वागत किया गया, लोगों के समक्ष अपना विचार व्यक्त करते हुए राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि -गौ माता की संरक्षण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है, माननीय भूपेश बघेल जी की सरकार विश्व की एकमात्र ऐसी सरकार है जो गौ माता की संरक्षण एवं संवर्धन के लिए दो रूपय किलो में गोबर और चार रूपये लीटर में गोमूत्र क्रय कर रही है। गोबर से भी विदेशी मुद्रा कमाया जा सकता है इसकी कल्पना आज तक किसी ने भी नहीं की थी लेकिन विभिन्न गौशालाओं एवं गौठानों में कार्य करने वाली महिला स्व सहायता समूह की माताओं के द्वारा गोबर से निर्मित दिपक, मूर्तियां, अगरबत्ती जैसे अनेक उत्पाद विश्व के बाजार में बिकने के लिए पहुंच रहे हैं और इससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति हो रही है। गोबर से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी इसकी कल्पना आज पर्यंत किसी ने भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि गौमाता एकमात्र वह प्राणी है जो मनुष्य के मृत्यु के पश्चात भी उसे वैतरणी नदी पार कराती है।

मृत्यु के पश्चात गोदान किया जाता है, बहुत अच्छा होगा कि अपने जीवन के रहते हम सभी गौ माता की सेवा करें। लोग वर्तमान में पाश्चात्य संस्कृति के संपर्क में आकर कुत्ते पालन करने लगे हैं ध्यान रहे आज तक किसी को भी कुत्ते की पूंछ पकड़कर वैतरणी पार करते नहीं सुना गया। आध्यात्मिक आयोजन के लिए शरीर की पवित्रता आवश्यक है, शरीर की पवित्रता के लिए पंचगव्य पान करना भी आवश्यक है। यह पंचगव्य हमें गौमाता से ही प्राप्त होती है इसलिए भी इनका संरक्षण और संवर्धन अत्यधिक आवश्यक है। लोगों को मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव ने संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में आज से 15 वर्ष पूर्व गौ माता के संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित कोई समस्या ही नहीं थी ना यहां गौठान की आवश्यकता थी न गौशाला की। किंतु विगत वर्षों में कुछ इस तरह का वातावरण राज्य में निर्मित हुआ जिससे गौ माताओं से संबंधित अनेक तरह की समस्याएं हम सबके बीच आ खड़ी हुई, इसका काफी कुछ समाधान पूज्य महाराज श्री के गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष बनने के पश्चात किया जा चुका है किंतु इसमें और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। लोगों को उपसंचालक कोरबा एस पी सिहं ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विशेष रूप से जनपद सदस्य कमलेश सिंह ,गुलाब कौशिक, जनपद सदस्य कृष्णा देवी कौशिक, देव कुमार पांडे, राकेश तिवारी, सहसराम कौशिक सांसद प्रतिनिधि, होरीलाल कश्यप, साखीराम कश्यप, पुलिस प्रशासन एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी गण उपस्थित थे।

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