नये कलेवर में आएगा मुक्तिबोध स्मारक संग्रहालय, मुख्यमंत्री की पहल पर किया गया कार्य

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देश के तीन महान साहित्यकारों का साहित्यिक अवदान अविस्मरणीय, उनकी स्मृतियां हमारी अमूल्य धरोहर

गजानन माधव मुक्तिबोध की जयंती 13 नवम्बर से यहां विभिन्न साहित्यिक गतिविधियां होंगी प्रारंभ

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

राजनांदगांव, त्रिवेणी परिसर स्थित मुक्तिबोध स्मारक संग्रहालय एवं सृजन संवाद अब एक नये कलेवर में आएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर यहां कार्य किया गया। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि राजनांदगांव हमारे देश के तीन महान साहित्यकारों श्री गजानन माधव मुक्तिबोध कक्ष, डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र की कर्म भूमि रही है। उनका साहित्यिक अवदान अविस्मरणीय है और उनकी स्मृतियां हमारी अमूल्य धरोहर है। उनका लेखन एवं जीवन, प्रेरक तथा मार्गदर्शक है, इसे सहजने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि श्री गजानन माधव मुक्तिबोध की जयंती 13 नवम्बर से यहां विभिन्न साहित्यिक गतिविधियां भी प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुक्तिबोध स्मारक संग्रहालय एवं सृजन संवाद के जीर्णोद्धार का कार्य प्राथमिकता के साथ किया गया।

उल्लेखनीय है कि संग्रहालय में मरम्मत एवं रंगरोगन का कार्य किया गया है। वाटर पु्रफिंग की गई है। इसके साथ ही पुट्टी, पेंट करने के साथ ही विद्युत की व्यवस्था की गई है। त्रिवेणी संग्रहालय में देश के तीन महान साहित्यकारों गजानन माधव मुक्तिबोध कक्ष, डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र की कृतियां, पाण्डुलिपि एवं वस्तुएं सुरक्षित रखी गई है। उनकी रचनाएं यहां संकलित की गई है। उनके डायरी के अंश तथा उनके जीवन के प्रेरक प्रसंग की जानकारी यहां अंकित है। साहित्य के प्रति रूचि रखने वाले विद्यार्थी एवं शोधार्थियों के लिए यह संग्रहालय महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में स्थापित होगा।

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