नशा सेवन के दुष्प्रभावों से अवगत हुए लोग, विशेषज्ञों ने बताए नशापान से दूर रहने और बचने के लिए उपाय
December 12, 2022“नशा मुक्ति सह उपचार केंद्र” अंबिकापुर में आयोजित किया गया जागरूकता कार्यक्रम
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, अंबिकापुर
अंबिकापुर : स्वास्थ्य विभाग की ओर से “नशा का सेवन करना सेहत के लिए है खतरनाक“ की सीख देते हुए लोगों को नशा-पान नहीं करने के प्रति जागरूक रहने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की ओर से जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। “नशा मुक्ति सह उपचार केंद्र”, अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम के इस अवसर पर नशा सेवन की आदत से ग्रसित लोगों को नशा पान के उपयोग से होने वाले दुष्प्रभावों एवं बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया गया। वहीं दूसरी ओर लोगों को चिकित्सा मनोवैज्ञानिक ने नशा के सेवन से बचने के उपाए के बारे में जानकारी भी दी।
साथ ही नशे की आदत से ग्रसित मरीजों का परीक्षण कर उनमें सकारात्मक भावना का संचार करने का प्रयास भी किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी.एस.सिसोदिया के निर्देशानुसार आयोजित कार्यक्रम में डॉ. सुमन कुमार (चिकित्सा मनोवैज्ञानिक) ने बताया: “विभिन्न प्रकार का नशे का सेवन करना सेहत के लिए खतरनाक होता है। नशापान करना कुछ समय के लिए बेहत्तर महसूस कराता हैं, लेकिन इसका लंबे समय तक उपयोग करने से हृदय, फेफड़े और पेट के साथ-साथ तंत्रिका-तंत्र भी प्रभावित होता हैं। इसके लगातार उपयोग करने पर व्यक्ति को इसके सेवन की आदत हो जाती है तथा अंत में व्यक्ति गंभीर स्वास्थ्यगत समस्याओं से पीड़ित भी हो जाता है। विशेषकर नशा का सेवन लगातार करने से व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। इसलिए शराब या अन्य प्रकार के नशा का उपयोग नहीं करना चाहिए और दूसरों को भी ऐसा करने से मना करना चाहिए।
उन्होंने आगे बताया –
“नशापान की आदत को छोड़ने के लिए सबसे आवश्यक है बेहतर और सकारात्मक सलाह, व्यक्ति का आत्मविश्वास, परिवार और दोस्तों का प्रेरित करने वाला माहौल होता है। इसलिए इसे छोड़ने वालों में दृढ़ इच्छाशक्ति होना बहुत जरूरी है, साथ ही आसपास का वातावरण भी उसे इस कार्य के लिए प्रेरित करने वाला होना चाहिए।“ इस दौरान चिकित्सा मनोवैज्ञानिक डॉ. सुमन ने उपचार केन्द्र में नशे की आदत से ग्रसित मरीजों की स्क्रिनिंग की और उन्हें तनावमुक्त एवं सकारात्मक रहने की सलाह दी। वहीं मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम ने लोगों को तनाव प्रबंधन के साथ ही नशा से बचने के उपाय भी बताए। टीम द्वारा कुछ लोगों की काउंसिलिंग भी की गई। जिला नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. युगल किशोर किंडो, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. पुष्पेंद्र राम के मार्गदर्शन एवं डॉ. रितेश सिंह के सहयोग से उपरोक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नशा सेवन की आदत से ग्रसित लोगों से तंबाकू या अन्य प्रकार का नशा का सेवन नहीं करने की अपील की गई।
इनका रहा विशेष सहयोग-
“नशा मुक्ति सह उपचार केंद्र” में आयोजित कार्यक्रम में संस्था के अमित मिश्रा (निदेशक), नीरज ठाकुर (सोशल वर्कर), राजू देवांगन, ओमप्रसाद एवं दीपक देवांगन ने सक्रिय योगदान दिया।